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Meerut News: राम मंदिर कार्यक्रम में हिंदू महासभा के महान नेताओं का नाम नहीं, चंपत राय को पत्र लिख जताया एतराज
Meerut News: अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित ओम प्रकाश शर्मा ने इस बात पर गहरा अफसोस जताया है।
Meerut News: अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित ओम प्रकाश शर्मा ने इस बात पर गहरा अफसोस जताया कि अयोध्या नवनिर्मित राम मंदिर निर्माण आयोजन कार्यक्रम के किसी भी बोर्ड, होर्डिंग अथवा किसी भी स्थान पर उन 10 महान लोगों का कहीं नाम नहीं है जिनके परम योगदान के कारण आज सभी को भगवान रामलला के इतने भव्य मंदिर को बनते हुए देखने का स्वर्ण अवसर प्राप्त हो रहा है।
पंडित ओम प्रकाश शर्मा ने न्यूजट्रैक से कहा कि उन्होंने इस संबंध में श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को आज एक पत्र भी भेजा हैं। जिसमें उन्होंने लिखा है कि 23 दिसम्बर 1949 को मध्य रात्रि के समय जब धार्मिक अनुष्ठान एवं पूजा पाठ के द्वारा अयोध्या धाम स्थित श्री राम जन्मभूमि के परिसर स्थान पर प्रभु श्री भगवान राम प्रगट हुए थे। उस समय पुनीत महान कार्य को करने के लिए परम ब्रहमलील महंत दिग्विजयनाथजी एवं महंत अभिरामदासजी के पावन नेतृत्व में इस अनुष्ठान में अखिल भारत हिन्दू महा सभा के अनेको वीर उपस्थित रहे थे।
इनमें अखिल भारत हिंदू महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत दिग्विजयनाथ, अयोध्या फैजाबाद महासभा के पूर्व महामंत्री अभिरामदास के अलावा पूरणमल जैन गोंडा वाले, शेष नारायण त्रिपाठी, गोपाल सिंह विशारद, महेन्द्र शर्मा उर्फ माना,भगवान शरण अवस्थी एडवोकेट, अंजनी प्रसाद मिश्र, पूर्व सांसद बृजनारायण बृजेश व पंडित इंदसेन शर्मा शामिल थे। इनके प्रयासों से भगवान रामलला का अपने जन्म स्थान पर पूज्य विग्रह के रुप में प्राकटय हुआ था।
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि समय की क्या बिडंबना है भगवान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण आयोजन कार्यक्रम के किसी भी बोर्ड होर्ड़िंग या अन्य किसी भी स्थान पर कहीं भी हिंदू महासभा के उन 10 वीरों के कहीं तक भी नाम नहीं हैं। जिनके योगदान के कारण रामलला के इतने भव्य मंदिर को बनते हुए देखने का स्वर्ण अवसर प्राप्त हो रहा है। जबकि आज के समय में मंदिर निर्माण के सभी आंदोलन से जुड़े सभी सम्मानित कार्यकर्ताओं का सभी कारसेवकों का यहां तक कि उन व्यक्ति विशेषों का नाम भी इतने सम्मान के साथ लिया जा रहा है। जिन्होंने सिर्फ और सिर्फ अपनी भूमिका श्री राम मंदिर आंदोलन में वर्ष 1980 के बाद निभाई तो क्या हमारा इस समय यह कर्तव्य नहीं बनता है कि हम उन व्यक्तियों का नाम हमें इस महान कार्य मंदिर उद्घाटन के समय जरुर लेना चाहिए जिन्होंने इतने साल पहले वर्ष 1949 में भगवान श्री रामलला के चमत्कार को अपनी आंखों से होते हुए स्वंय देखा है।
हिंदू महासभा नेता ने चंपत राय से निवेदन किया है कि उन महान दस वीरों के नाम सम्मानजनक शब्दों के साथ अयोध्या धाम स्थित पूज्य मंदिर के आसपास जरुर अंकित किया जाए। स्मृति द्वार या अतिथियों के ठहरने के लिए बनने वाले अतिथि गृहों के नाम या मंदिर की ओर जाने वाले 10 मार्गों के नाम उन लोंगो के नाम पर अवश्य होने चाहिए जिन लोगों के आधार शिला रखे जाने के कारण आज यह भव्य श्री रामलला का मंदिर बनकर तैयार हो रहा है।