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Meerut News: गन्ना फसल को बचाने के लिए जल्द आ रहा कीटाणु नाशक, होगी बंपर पैदावार
Meerut News: प्रोफेसर गौरव का कहना है कि व्हाइट गृब (सफेद सूडी) जो कि गन्ना के फसल को बहुत नुकसान पहुंचाती है तथा रासायनिक दवाईयों से भी कन्ट्रोल नही होती है, वो ‘‘नैनोपेस्टी साइड’’ के प्रयोग से कन्ट्रोल हो जाती है।
Meerut News: मेरठ समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश से संबंधित विभिन्न जिलों में गन्ने की पैदावार सबसे ज्यादा होती है। यहां के किसान गन्ने की खेती को ही प्राथमिकता देते हैं। लेकिन कई बार गन्ने में लगने वाले कीड़ों से किसानों को काफी नुकसान होता है। किसानों को इस संकट से बचाने के लिए चौधरी चरण सिंह विवि के अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के शैलेन्द्र सिंह गौरव ने ‘‘नैनोपेस्टी साइड’’तैयार किया है। प्रो0 गौरव के रिसर्च को पेटेण्ट प्राप्त हो चुका है तथा जल्दी ही किसानो के लिए बाजार में उतारा जायेगा।
प्रोफेसर गौरव का कहना है कि व्हाइट गृब (सफेद सूडी) जो कि गन्ना के फसल को बहुत नुकसान पहुंचाती है तथा रासायनिक दवाईयों से भी कन्ट्रोल नही होती है, वो ‘‘नैनोपेस्टी साइड’’ के प्रयोग से कन्ट्रोल हो जाती है। बता दें कि शैलेन्द्र सिंह गौरव ‘‘इन्टरनेशनल बायोलॉजी-2023 की दो दिवसीय कान्फ्रेंस में अपना ‘‘आलू के अर्ली ब्लाईट तथा लेट ब्लाईट डिजीज की सिल्वर नैनोपेस्टीसाइड से रोकथाम तथा टॉक्सिसिटी अध्ययन’’ पर भी शोध पत्र मुख्य वक्ता के रूप में प्रस्तुत कर चुके हैं।
प्रोफेसर गौरव ने बताया कि इस शोध का भी पेटेण्ट हो चुका है तथा शीघ्र ही आलू को उपरोक्त दोनो बीमारियों हेतु बाजार में नैनोफंगीसाइड उत्पाद लाने की तैयारी चल रही है। प्रो0 गौरव से विश्व के सभी विश्वविद्यालयों को चौ0 चरण सिंह विश्वविद्यालय,मेरठ से अनुसंधान और अकादमिक सहयोग(एम.ओ.यू.) हेतु आग्रह किया है।
विवि प्रवक्ता मितेन्द्र कुमार गुप्ता के अनुसार सेमिनार में लॉगलैम विश्वविद्यालय, वियतनाम, कन्जावा विश्वविद्यालय, जापान, पोलिस अकादमी ऑफ सांईस, पोलेण्ड, यूनिवर्सिटी ऑफ नेवाद,अमेरिका, टोक्यो इन्सिट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी, जापान, गचोन यूनिवर्सिटी, कोरिया, मिशिगन यूनिवर्सिटी, यू.एस.ए., किंग मांेगकट यूनिवर्सिटी, थाईलैण्ड, ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी, ऑस्टेªलिया के अलावा इंग्लैण्ड, ताईवान तथा अन्य कई देशो से करीब 300 वैज्ञानिक ने अपना शोध प्रस्तुत किया। टोकियो विश्वविद्यालय, जापान तथा सांइस एंड टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय, हनोई, वियतनाम से शोध एवं अनुसंधान हेतु सहयोग की बात हो चुकी है। निकट भविष्य में तीनो विश्वविद्यालय मिलकर नैनोटेक्नोलॉजी विषय पर संयुक्त शोध परियोजनाओ पर कार्य करेंगें।