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Meerut News: नारद जयंती पर सर्वेश कुमार सिंह बोले-आधुनिक दौर में भी पत्रकारिता के सिद्धांतों का है अपना महत्व

Meerut News: समय की पुकार है कि महर्षि नारद के वास्तविक चरित्र से लोगों को परिचित कराया जाए और यह तभी संभव है जब मीडिया के लोग इस बात को पुरजोर तरीके से उठाएंगे।

Sushil Kumar
Published on: 28 May 2024 6:29 PM IST
On the occasion of Narada Jayanti, Sarvesh Kumar Singh said - Even in modern times, the principles of journalism have their importance
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नारद जयंती के अवसर पर सर्वेश कुमार सिंह बोले-आधुनिक दौर में भी पत्रकारिता के सिद्धांतों का है अपना महत्व: Photo- Newstrack

Meerut News: आज यहां स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सौजन्य से “आदि लोक संचारक महर्षि नारद” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन हुआ। इसका उद्देश्य भारतीय ज्ञान परंपरा के आदि ऋषियों में से एक तथा लोक संचारक महर्षि नारद से आज के युवावर्ग को परिचित कराना रहा। इसी कड़ी में विभिन्न वक्ताओं ने महर्षि नारद के जीवन और उनके कृत्यों को उद्धृत करते हुए विभिन्न तथ्यों के साथ अपनी बात रखी।

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत के साथ हुई, जिसके बाद प्रथम वक्ता के रूप में बोलते हुए सुभारती विश्वविद्यालय के संस्कृति विभाग में साधक के रूप में कार्यरत कुलदीप नारायण ने कहा कि महर्षि नारद हमारी सनातन परंपरा के ध्वजवाहकों में से एक हैं। ये सदा लोक कल्याण के लिए ही त्रिलोक के भ्रमण पर रहते हैं। महर्षि नारद को तथाकथित सिनेमा एवं धारावाहिकों गलत रूप में दिखाना निंदनीय है। उन्होंने आगे कहा कि आज समय की पुकार है कि महर्षि नारद के वास्तविक चरित्र से लोगों को परिचित कराया जाए और यह तभी संभव है जब मीडिया के लोग इस बात को पुरजोर तरीके से उठाएंगे।

महर्षि नारद के जीवन पर हुई विस्तृत चर्चा

वहीं व्याख्यान में बोलते हुए उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट्स के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश कुमार सिंह ने महर्षि नारद के जीवन पर एक विस्तृत चर्चा की। उन्होंने छात्रों से कहा कि महर्षि नारद को आज के दिन याद कर लेना ही बहुत नहीं है, अपितु हमें उनके जीवन से और उनके कार्यों से बहुत सी शिक्षाएं मिलती हैं जिनको आत्मसात करने की आवश्यकता है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आज भले ही एआई और चैट-जीपीटी के आने से पत्रकारिता के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को लेकर चिंताजनक स्थिति बनी हुई है। तब भी अगर आप पत्रकारिता के सिद्धांतों को अपनाते हुए कार्य करेंगे तो निश्चित रूप से आप के लिए अवसरों की कभी कोई कमी नहीं होगी।

पत्रकारिता विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) सुभाष चंद्र थलेड़ी ने कहा कि महर्षि नारद को आदि पत्रकार के स्थान पर आदि लोक संचारक कहना उपयुक्त होगा। उन्होंने कहा कि महर्षि नारद की संवाद शक्ति अप्रतिम थी। तीनों लोकों में संचार बनाना उनकी कला थी। उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि आज हमारे मध्य दो ऐसे लोग वक्ता के रूप में हैं जिन्होंने अपने अपने क्षेत्रों में एक लंबा अनुभव हासिल किया है। जहां एक ओर सर्वेश कुमार सिंह का पत्रकारिता में चार दशक से अधिक का अनुभव है वहीं कुलदीप नारायण का स्वामी विवेकानंद एवं अन्य भारतीय विभूतियों पर गहन अध्ययन है।

वहीं व्याख्यान में उपस्थित लिबरल आर्टस एवं ह्यूमैनिटीज़ विभाग की सहआचार्य डॉ. नेहा ने पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों और शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैं और मेरे साथी पत्रकारिता विभाग के आभारी हैं कि उन्होंने इतना सुंदर आयोजन करके हमें महर्षि नारद के बारें में नई जानकारियों को प्राप्त करने का अवसर दिया। पत्रकारिता विभाग के द्वारा इस प्रकार के आयोजन निश्चित तौर पर विद्यार्थियों के लिए हितकारी हैं और उनको आगे बढ़ने में मार्गदर्शक की भूमिका निभाएंगे।

कलम की ताकत को मजबूत करना होगा

पत्रकारिता विभाग के शोधार्थी विशाल सहाय ने कहा कि आज के दौर में हमें पत्रकारिता के वास्तविक सिद्धांतों को अपनाते हुए लोक कल्याण के लिए अपनी कलम की ताकत को मजबूत करना होगा। हमें पत्रकारिता में नारद मुनि के दिखाए मार्ग पर चलना होगा तभी हम वास्तविक रूप में नारद जयंती के आयोजन के अर्थ को जान पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह हम विद्यार्थियों का सौभाग्य है कि हम एक ऐसे विभाग के विद्यार्थी हैं जहां समय-समय पर इस प्रकार विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए विद्यार्थी केंद्रित गतिविधियां होती रहती हैं।

इस कार्यक्रम के संयोजक पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक आचार्य राम प्रकाश तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम संचालन बीएजेएमसी की छात्रा आस्था श्रीवासत्व ने किया वहीं अतिथियों का स्वागत भूमि कुमारी ने किया।

इस दौरान विभाग के सहायक आचार्य राम प्रकाश तिवारी, डॉ. प्रीति सिंह, मधुर शर्मा, शैली शर्मा, डॉ. अमित कुमार, डॉ. नियति गर्ग, डॉ. अमृता चौधरी, डॉ. नेहा, तथा गैर-शिक्षणेत्तर कर्मी प्रिंस चौहान एवं विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे।

Shashi kant gautam

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