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Meerut News: परमवीर वंदनम: दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे, बहादुरी के इन किस्सों को जानकर, हर कोई हैरान

Meerut News: परमवीर वंदनम कार्यक्रम का आयोजन नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षा ग्रह में हुआ। यह विशेष कार्यक्रम विश्वविद्यालय की कुलपति तथा कार्यक्रम की संरक्षक प्रोफेसर संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में हुआ।

Sushil Kumar
Published on: 21 Nov 2024 7:35 PM IST
Meerut News ( Pic- News Track)
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Meerut News ( Pic- News Track)

Meerut News: आज यहां चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ तथा इनीशिएटिव फॉर मोरल एंड कल्चरल ट्रेनिंग फाउंडेशन आई एम ईटीएफ मेरठ के संयुक्त तत्वाधान में परमवीर वंदनम कार्यक्रम का आयोजन नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षा ग्रह में हुआ। यह विशेष कार्यक्रम विश्वविद्यालय की कुलपति तथा कार्यक्रम की संरक्षक प्रोफेसर संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में हुआ।अखिल भारतीय संयोजक तथा राष्ट्रीय समन्वयक (आईएमसी टीफ) गुणवंत सिंह कोठारी के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर एन के तनेजा (पूर्व कुलपति) चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ,मेरठ रहे।

सम्मानित अतिथि चेतन चीता कमांडेंट सीआरपीएफ (कीर्ति चक्र), अमित कुमार सहायक कमांडेंट सीआरपीएफ( शौर्य चक्र )रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी ने परमवीर चक्र विजेता बलिदानों को याद किया और उनके चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की।कार्यक्रम की विशेष अतिथि एयर वाइस मार्शल डॉ देवेश वत्स वीएसएम,ब्रिगेडियर नवीन राठी ग्रुप कमांडर एन सी सी ,नरेंद्र कुमार सिंह कमांडेंट ए आर फ, कर्नल राजेश त्यागी एस एम ,ग्रुप कैप्टन पंकज कुमार जैन ,लेफ्टिनेंट कर्नल दिव्या सिंह एन सीसी रहे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रोफेसर एनके तनेजा जी ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि जो लोग प्रत्यक्ष रूप से सेना से नहीं जुड़े हैं वे सभी लोग अच्छा रिसर्च कार्य करके अपना अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग हिंदुस्तान की सेवा में कर सकते हैं। उन्होंने बताया की चिंता का विषय देश की सुरक्षा है जिसका कारण बाहर का आतंकवाद भी है और आंतरिक नक्सलवाद भी। उन्होंने बताया हिंदुस्तान ऋषियों और मुनियों की भूमि है जो जिस भी कार्य क्षेत्र में अपना तन मन धन लगा दोगे और उसे तप के रूप में करोगे उस क्षेत्र में सफलता जरूर मिलती है।

उन्होंने कहा कि चेतन चीता की टुकड़ी के पहुंचते ही आतंकियों ने एके-47 से बर्स्ट फायर कर दिया। एक साथ चली 30 गोलियों में से 9 चेतन के शरीर में धंस गईं थीं।इसके बावजूद चेतन ने काउंटर अटैक किया और एक आतंकी को ढेर कर दिया। उन्होंने कुल 16 राउंड फायर किए थे।चीता के काउंटर अटैक की वजह से सुरक्षा टुकड़ी को संभलने का मौका मिल गया और तीन आतंकियों को मार गिराया था।श्रीनगर के अस्पताल में डॉक्टर भी उनकी हिम्मत देखकर हैरान थे। आम तौर पर इतनी गोलियां लगने पर बचना नामुमकिन होता है।चेतन चीता ने बताया की साहस और टीमवर्क की वजह से वे दुश्मनों को हराने में कामयाब रहे और उन्होंने बताया कि आर्मी का जीवन साधारण जीवन से बहुत अलग होता है इसमें अनुशासन भी जरूरी है और जज्बा होना भी जरूरी है उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि हिंदुस्तान की आर्मी में सर्व करना हर हिंदुस्तानी के लिए एक गौरव की बात है

सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट अमित कुमार ने अपने विचार साझा किये कि किस प्रकार कश्मीर में उन्होंने अपने मिशन को बखूबी अंजाम दिया और देश के गौरव को बढ़ाया। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की जीवन में हर कार्य क्षेत्र में ईमानदारी से काम करें तो उनको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। गुणवंत सिंह कोठारी ने बताया कि भारत की धरती योगीराज और ऋषियों की धरती है जहां पर मोक्ष का रास्ता है उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति का माइंडसेट उसके जीवन का निर्धारण करता है और भारत की भूमि अध्यात्म की भूमि है सभी को अपने जीवन का दिशा निर्धारण और अपने व्यक्तित्व का विकास करना चाहिए और अपनी मातृभूमि को सर्वोच्च मानना चाहिए।

एयर वाइस मार्शल देवेश वत्स ने बताया कि उच्च शिक्षा लेने के बाद विद्यार्थी विदेश में नौकरी करना चाहते हैं और अपने जीवन स्तर को सुधारना चाहते हैं। तरक्की करना चाहते हैं और इसी भागम दौड़ के बीच में वह अपने देश के प्रति कर्तव्य को भूल जाते हैं जिस देश ने उनको वहां तक पहुंचा है इसलिए सभी बच्चों से अपील करना चाहते हैं कि देश सर्वोपरि है जिस चीज की आशा में आप लोग विदेश जाते हैं वह आपके भारत देश में मौजूद है। कर्नल राजेश त्यागी ने बताया ने बताया कि किस तरीके से उन्होंने अल्फा की कैंप को ध्वस्त करा। उनके पास एक वीडियो भी था जो कि उन्होंने पहली बार किसी मंच पर साझा करा।उन्होंने वहां पर एक उल्फा के आतंकवादी को रंगे हाथों पकड़ा और उसे आर्मी की यूनिफॉर्म पहनाकर अपने साथ रखा जिससे कि उसकी पहचान ना हो पाए और इस मिशन को उन्होंने 37 दिनों तक चलाया। अल्फा की दो कंपनियों ने सरेंडर भी कर दिया था।

ग्रुप कैप्टन पंकज जैन ने बताया कि जब उनकी जैसलमेर में पोस्टिंग थी तब उन्हें पानी नहीं मिला और उन्हें ज्ञान हुआ जल ही जीवन है और पानी की कितनी अहमियत है उन्होंने बताया है कि हमें अपने पर्यावरण के प्रति भी संवेदनशील रहने की की आवश्यकता है ।कार्यक्रम की समन्वयक प्रोफेसर जयमाला के अनुसार"यह कार्यक्रम छात्रों के व्यक्तित्व को विकसित करने और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक प्रयास है। इसे सफल बनाने में हमारी पूरी टीम ने अहम भूमिका निभाई है।"कार्यक्रम के सफल योगदान में डॉक्टर वंदना (ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री), डॉ स्वाति अग्रवाल ,डॉ राहुल शर्मा, डॉ रवि प्रकाश, डॉ नेहा , डॉ शिवम , डॉ केपी सिंह, डॉ मानव बंसल , डॉ अर्पित छाबड़ा, डॉक्टर निधि भाटिया, डॉक्टर मुक्ति ,डॉ रानू गर्ग, इंजीनियर प्रवीण पवार , डॉ निखिल, श्री मितेंद्र ,डॉ स्वाति शर्मा ,डॉ रीना सिंह, डॉ अजय कुमार, डॉ मीनू तेवतिया, डॉ पंकज आदि रहे।



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Shalini Rai

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