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Nauchandi Mela 2024: उत्तर भारत के सबसे चर्चित नौचंदी मेले की तैयारी शुरू, हिंदू-मुस्लिम एकता की है मिसाल
Meerut Nauchandi Mela 2024: यह हिंदू-मुस्लिम एकता का मिसाल माना जाता है। इस मेले के शुभारंभ में जहां पहले चंडी देवी मंदिर में विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। उसके बाद वाले मियां की मजार पर चादर भी चढ़ाई जाती है।
Meerut Nauchandi Mela 2024: उत्तर भारत का ऐतिहासिक नौचंदी मेला अगले महीने शुरू होने जा रहा है। बहुत जल्द मेले की शुरुआत की तारीख का औपचारिक ऐलान होगा। इसी कड़ी में जिलाधिकारी दीपक मीणा ने जिले में लगने वाले नौचंदी मेला मैदान का स्थलीय निरीक्षण किया। तैयारियों का जायजा लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
आपको बता दें कि, सैकड़ों सालों से परंपरा चलती आ रही है कि ऐतिहासिक नौचंदी मेले का उद्घाटन होली के दूसरे रविवार को किया जाता है। उत्तर भ्राता में इस मेले का खास महत्व है।
DM बोले- यह मेला मेरठ की पहचान
जिलाधिकारी दीपक मीणा (DM Deepak Meena) ने नौचंदी ग्राउंड का निरीक्षण कर आगामी नौचंदी मेले के संबंध में कहा, 'यह मेला मेरठ की पहचान है। जिसमें आसपास के जिलों से भी विभिन्न वर्गो के लोग आते हैं। उन्होंने कहा कि, नौचंदी मेले का आयोजन भव्य होना चाहिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ पूरे ग्राउंड का निरीक्षण कर बाउंड्री वॉल को दुरुस्त करने तथा साफ-सफाई की उचित व्यवस्था कराने के निर्देश दिये।' इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी नगर बृजेश सिंह, नगर मजिस्ट्रेट अनिल कुमार, अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, एसीएम महेश दीक्षित सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
नौचंदी मेले की क्या है खासियत?
नौचंदी मेले की बात की जाए तो यह हिंदू-मुस्लिम एकता का मिसाल माना जाता है। इस मेले के शुभारंभ में जहां पहले चंडी देवी मंदिर में विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। उसके बाद वाले मियां की मजार पर चादर भी चढ़ाई जाती है। इसके बाद ही इस मेले का उद्घाटन परंपरा के तहत माना जाता है। ऐतिहासिक मेले की भव्यता और इसकी प्रमुखता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इस मेले को लेकर क्वेश्चन आते हैं। इतना ही नहीं मेरठ से लखनऊ को चलने वाली ट्रेन का नाम भी नौचंदी दिया गया।