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Meerut News: छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं पर बोले, मनोवैज्ञानिक प्रो० संजय कुमार- इस शहर में हर छात्र परेशान सा क्यों है
Meerut News: इमोशनल वेल-बीइंग को बेहतर बनाए रखने के साधनों के बारे में बताते हुए कहा कि हमें स्वयं को खुश रखने के लिए दूसरों की सहायता करते रहना चाहिए।
Meerut News: उत्तर प्रदेश के जनपद मेरठ में सीसीएस यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग में पुरातन विद्यार्थियों द्वारा संचालित स्वयंसेवी संस्था 'मेंटल हेल्थ मिशन इंडिया के द्वारा अलेक्ज़ेंडर पब्लिक स्कूल, शास्त्री नगर मेरठ में शिक्षकों के साथ "हैंडलिंग क्लासरूम चैलेंजेज एंड इमोशनल वेलबीइंग" विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में चौधरी चरण सिंह विवि के मनोविज्ञान के अध्यक्ष प्रो० संजय कुमार ने कहा कि "आज हर व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के तनाव से गुजर रहा है जिसका नकारात्मक प्रभाव हमारे व्यक्तिगत, सामाजिक अथवा कार्यक्षेत्र से संबंधित जिंदगी पर पड़ता है, जिसमें स्कूल शिक्षक अपवाद नहीं है।
30 से 35 विधार्थी रोज आत्महत्या कर रहे
इस मौके पर प्रो संजय कुमार, अध्यक्ष मनोविज्ञान ने कहा कि शिक्षकों की जिंदगी में बेहतर परिणाम देने और स्कूल से संबंधित दबाव और चुनौतियों का सामना करने के लिए शिक्षक की इमोशनल वेल-बीइंग का बेहतर होना आवश्यक है। जिससे कि वे शिक्षण कार्य के साथ–साथ विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकेंगे। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में लगभग 30 से 35 विधार्थी रोज आत्महत्या करते हैं और इससे कहीं ज्यादा संख्या में आत्महत्या का प्रयास करते है और बहुत बड़ी संख्या में तो रिपोर्ट भी नही किए जाते हैं। इसलिए हमारे देश का भविष्य, बच्चों के लिए आज हर शिक्षक को मानसिक स्वस्थ्य के लिए सेंसटाइज होना आवश्यक है।
कार्यशाला में स्कूल के डायरेक्टर एस० के० शर्मा, प्रधानाचार्या डॉ0 दिव्या भारद्वाज, कोऑर्डिनेटर प्राची गुप्ता के साथ अन्य अध्यापक इंदु शर्मा, संगीता शर्मा, सुनीता शर्मा, माज़ अंसारी,व इकरा अंसारी आदि उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता के रुप में नीरज शर्मा ने "इमोशनल वेल बीइंग" पर बात करते हुए कहा कि आज दुनिया भर में आत्महत्या अलग-अलग देशो की अलग अलग जनसंख्या में चौथे नंबर से लेकर पहला मृत्यु का कारण है इसलिए हमें सामान्य जिंदगी में आने वाले तनाव का सामना करने की विधियों की जानकारी होना आवश्यक है।
इमोशनल वेल-बीइंग को बेहतर बनाए रखें
उन्होंने इमोशनल वेल-बीइंग को बेहतर बनाए रखने के साधनों के बारे में बताते हुए कहा कि हमें स्वयं को खुश रखने के लिए दूसरों की सहायता करते रहना चाहिए, यदि हमारे मन में कोई बात हमें परेशान करती है तो वह हमें किसी न किसी से साझा अवश्य करना चाहिए, दूसरों को हम सब प्यार करते हैं परन्तु हमें स्वयं को भी प्रेम करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा की जिंदगी को खुशनुमा बनाए रखने के लिए हमे दूसरों की सहायता करते रहना चाहिए और जरूरत पड़ने पर मदद ले भी लेनी चाहिए।
कार्यक्रम में फैसिलिटीटर के रूप मे मनोवैज्ञानिक प्रिया पाल एवं नईमा सिद्दीकी उपस्थित रहे।