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Meerut News: सपा ने एडवोकेट भानु प्रताप सिंह का नाम घोषित कर राजनीतिक हलकों में मचाई खलबली
Meerut News: मेरठ लोकसभा सीट को लेकर पार्टी नेताओं में जबरदस्त घमासान चल रहा था। पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं किठौर के विधायक शाहिद मंजूर के अलावा सरधना विधायक अतुल प्रधान, सपा विधायक रफीक अंसारी, पूर्व विधायक योगेश वर्मा समेत पार्टी के कई बड़े स्थानीय नेता टिकट की लाइन में लगे थे।
Meerut News: आखिरकार मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को अपने पत्ते खोल ही दिए। सपा द्वारा घोषित प्रत्याशियों की सूची में मेरठ लोकसभा सीट के लिए अप्रत्याशित रुप से एडवोकेट भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया गया है। मेरठ लोकसभा सीट को लेकर पार्टी नेताओं में जबरदस्त घमासान चल रहा था। पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं किठौर के विधायक शाहिद मंजूर के अलावा सरधना विधायक अतुल प्रधान, सपा विधायक रफीक अंसारी, पूर्व विधायक योगेश वर्मा समेत पार्टी के कई बड़े स्थानीय नेता टिकट की लाइन में लगे थे। लेकिन, आज शाम सपा ने जिस तरह से इस सीट पर नए चेहरे एडवोकेट भानु प्रताप सिंह का नाम घोषित कर दलित कार्ड खेला है उससे सपा के साथ-साथ भाजपा और बसपाई भी चौक गए हैं।
पेशे से वकील भानु प्रताप सिंह सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता हैं। भानू प्रताप सिंह मूलरुप से बुलंदशहर के निवासी हैं। फिलहाल वें दिल्ली से सटे गाजियाबाद जनपद के साहिबाबाद इलाके में परिवार के साथ रहते हैं। भानु प्रताप सिंह ने उन लोगो में शामिल हैं जो कि पिछले काफी अर्से से ईवीएम बदलने की मांग जोर-शोर से उठा रहे हैं। भानु प्रताप सिंह राष्ट्रीय जनहित संघर्ष पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। फिलहाल भी वें राजनीति में काफी सक्रिय हैं। खासकर बीजेपी की केन्द्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ वें काफी आक्रामक रहते हैं। लखीमपुर खीरी कांड में शहीद किसानों की अंतिम अरदास में भी पहुंचे थे।
बहरहाल, सपा ने अपने नारे पीडीए में डी यानी दलित और पिछड़ा दोनों पर फोकस करते हुए ही मेरठ जैसी सामान्य सीट पर दलित कैंडिडेट्स उतारा हैं। सपा से दलित प्रत्याशी आने के बाद बसपा और भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। भानु प्रताप सिंह ना केवल अच्छे वक्ता हैं बल्कि दलितो में भी खासा लोकप्रिय हैं। बता दें कि मेरठ में दलित और मुसलमान ही निर्णायक मतदाता हैं।