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Meerut News: मेरठ में सामाजिक चिंतक तपन कुमार ने कहा- मोबाइल और टीवी से भारत को नहीं समझ सकते
Meerut News:बोले-भारत को समझने के लिए समाज के बीच जाना होगा। मोबाइल और टीवी के माध्यम से भारत समझ में नहीं आएगा। भारत को समझने के लिए आत्मबोध करना होगा।
Meerut News: भारत में जन्म लेने से भारत को समझ गए ऐसा मुमकिन नहीं है। भारत को समझने के लिए समाज के बीच जाना होगा। मोबाइल और टीवी के माध्यम से भारत समझ में नहीं आएगा। भारत को समझने के लिए आत्मबोध करना होगा। केवल समस्याओं को बताना से कुछ नहीं होगा उसका समाधान भी बताना होगा। यह बात तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में स्व भारत आत्मबोध विषय पर विशेष व्याख्यान के दौरान सामाजिक चिंतक तपन कुमार ने कहीं।
हमारा विज्ञान हजारों साल पुराना है
उन्होंने कहा कि बिना अर्थ जाने हम शब्दों का प्रयोग करना शुरू कर देते हैं। किसी भी शब्द को प्रयोग करने से पहले उसका अर्थ हमको मालूम होना चाहिए। जिस प्रकार से हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस कहते हैं, जबकि यह स्वाधीनता दिवस है। हम अंग्रेजों की गुलामी से तो आजाद हुए थे। लेकिन प्रशासनिक ढांचा पूरी तरह ब्रिटेन का ही था। तपन कुमार ने कहा कि हमारे देश का जितना भी कानून है वह अंग्रेजों के द्वारा बनाया गया, हम उसी को अपनाए हुए हैं। हमारा विज्ञान हजारों साल पुराना है। हमारे ज्ञान को विस्तार न देकर उसको रोककर, पाश्चात्य ज्ञान-विज्ञान को परोसा गया।
अंग्रेजों ने भारत के लोगों को मानसिक गुलाम बनाया
भारतीय दर्शन और मूल्यों से भारत के लोगों को दूर करते हुए उन्हें रूढ़िवादी और अंधविश्वास पर आधारित घोषित करने का प्रयास हुआ। हमें गलत विज्ञान पढ़ाया गया। भारत के लोगों को मानसिक गुलाम बनाकर अंग्रेजों ने गुलाम बनाया। मानसिक गुलाम बनाने के लिए गलत इतिहास लिखा गया। बताया कि हमें अपने दुश्मनों को समझना होगा। हमारी शिक्षा व्यवस्था खोज करने की थी। अपने अंदर के संकोच को समाप्त कर प्रश्न पूछने की प्रवृति को विकसित करें। इस दौरान तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रो0 प्रशांत कुमार ने सभी का स्वागात किया। डॉ0 मनोज कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर लव कुमार, बीनम यादव, प्रशासनिक अधिकारी मितेंद्र कुमार गुप्ता तथा विभाग के समस्त छात्र एवं छात्राएं मौजूद रहे।