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Meerut News: सपा नेता और पूर्व विधायक गोपाल काली जयंत चौधरी की मौजूदगी में रालोद में हुए शामिल
Meerut News:उन्होंने कहा, जयंत ने जाटव समाज से आने वाले अनिल कुमार को योगी मंत्रीमंडल में जिस तरह से कैबिनेट मंत्री बनवा दिया उससे भी मैं प्रभावित हूं। इससे ही प्रभावित होकर रालोद की सदस्यता ग्रहण कर ली।
Meerut News: समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक गोपाल काली ने सपा से इस्तीफा देकर रालोद का दामन थाम लिया है। उन्होंने दिल्ली में जयंत चौधरी की मौजूदगी में रालोद की सदस्यता ग्रहण की। वजह पूछने पर गोपाल काली ने कहा कि मुझे अखिलेश यादव ने चुनाव में टिकट देने का वादा किया था, लेकिन नहीं दिया। यही नहीं पार्टी द्वारा लगातार मेरी उपेक्षा की जा रही थी। ऐसे में मेरे समर्थक लगातार मुझे पार्टी छोड़ने का दवाब बना रहे थे।
अपने समर्थकों की इच्छा का सम्मान करते हुए आज मैने सपा छोड़ रालोद का दामन थाम लिया। उन्होंने यह भी कहा कि जयंत चौधरी ने जाटव समाज से आने वाले अनिल कुमार को योगी मंत्रीमंडल में जिस तरह से कैबिनेट मंत्री बनवा दिया उससे भी मैं प्रभावित हूं। इससे ही प्रभावित होकर रालोद की सदस्यता ग्रहण कर ली।
गोपाल भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे
बता दें कि 1991 में भाजपा के समर्थन से हस्तिनापुर से विधायक रहे गोपाल काली इस समय समाजवादी पार्टी में थे। 62 साल के गोपाल काली मूल रूप से मेरठ के ही मवाना मोहल्ला तिहाई के रहने वाले हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले गोपाल भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे। गौरतलब है कि गोपाल काली हस्तिनापुर सुरक्षित विधानसभा से भाजपा से टिकट के दावेदार थे। दिनेश खटीक को टिकट मिलने से नाराज उन्होंने सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उस समय उन्होंने भाजपा उम्मीदवार दिनेश खटीक के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर मोर्चा खोल दिया था और भ्रष्टाचार में लिप्त रहने के आरोप लगाए थे।
जयंत चौधरी को झटका दिया था
अभी कुछ दिन पहले अखिलेश यादव ने रालोद युवा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष लतेश बिधूड़ी को सपा में शामिल करा कर जयंत चौधरी को झटका दिया था। लतेश बिधूड़ी गुर्जर बिरादरी से हैं और गुर्जरों के बड़े नेता करतार भड़ाना के दामाद हैं। अब जयंत चौधरी ने जवाबी हमले में सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व एमएलए गोपाल काली को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया। गोपाल काली जाटव समाज से आते हैं। इससे पहले आम आदमी पार्टी की महापौर उम्मीदवार रही रिचा सिंह ने भी रालोद की सदस्यता ग्रहण की है। चर्चा है कि दोनों ही दल एक दूसरे के दलों में सेंध लगा रहें हैं और जल्द कुछ और लोग पाला बदल सकते हैं।