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Meerut News: भारत में अल्पसंख्यक सबसे अधिक सुरक्षित, अमेरिका की रिपोर्ट गलत: आचार्य लोकेश मुनि
Meerut News: आज यहां गंगा-जमुनी तहजीब की सरज़मीं से सभी धर्म के विद्वानों ने सौहार्द के साथ ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत‘ का संदेश दिया।
Meerut News: आज यहां गंगा-जमुनी तहजीब की सरज़मीं से सभी धर्म के विद्वानों ने सौहार्द के साथ ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत‘ का संदेश दिया। जैन मत से आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि धर्म जोड़ना सिखाता है, तोड़ना नहीं। उन्होंने कहा कि देश में विकास व कल्याण के विषय पर मतभेद होना चाहिए न कि मनभेद हो। साथ ही यह भी कहा कि अमेरिका द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के विषय पर दी गई रिपोर्ट जिसमें उन्हें असुरक्षित बताया गया है, वह बिल्कुल गलत है। विश्व में अल्पसंख्यक भारत देश में सबसे ज्यादा सुरक्षित है और सुभारती के मंच ने यह साबित कर दिया है, कि सभी धर्म के लोग सौहार्द से एक दूसरे के साथ रह सकते है, जो समय की बड़ी आवश्यकता है।
कई विद्वानों ने कार्यक्रम में की शिरकत
स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय एवं अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक भारत श्रेष्ठ भारत विभिन्न मतों के दृष्टिकोण से के विषय पर विभिन्न मतों के विद्वानों ने परिचर्चा में शिरकत की। इस दौरान सभी धर्म गुरूओं ने एक दूसरे का हाथ थाम कर सुभारती की सरज़मीं से एक भारत श्रेष्ठ भारत के संदेश के साथ देश को शिखर पर पहुंचाने का संकल्प लिया। सभी दर्शकों ने आपसी सौहार्द के इस ऐतिहासिक क्षण पर खड़े होकर तालियां बजाई। सुभारती समूह के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए कहा कि सुभारती समूह की विचारधारा स्वामी विवेकानन्द, तथागत बुद्ध एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के आदर्श पर स्थापित है। उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत का निर्माण देश के सभी धर्मों के बीच प्रेम, करूणा, मैत्री तथा समन्वय स्थापित कर किया जा सकता है। अपने अपने धर्मों की सीमाओं में रहकर एक दूसरे धर्म का सम्मान, सहयोग व सहायता करने से हमारा देश बुलंदी के शिखर पर पहुंचेगा।
आजादी का सही मूल्यांकन नहीं हुआ: स्वामी दिपांकर
हिन्दू मत के विद्वान स्वामी दिपांकर महाराज ने कहा कि सनातन भारतीयता की पहचान है और भारत देश हमेशा से एकता व सौहार्द का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि आज़ादी का सही मूल्यांकन नहीं किया गया है। क्योंकि देश को आज़ादी हर धर्म के लोगों ने मिलकर दिलाई थी। उन्होंने एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने हेतु देशवासियों को संदेश देते हुए कहा कि आपसी तालमेल, प्रेम, सेवाभाव जो हमारे प्राचीन संस्कार है उन्हें अपनाकर देश को सर्वश्रेष्ठ बनाया जा सकता है।
वतन परस्ती हमारा ईमान है: मुफ्ती शाह आलम
इस्लामिक विद्वान मुफ़्ती शाहआलम मज़ाहिरी ने कहा कि वतनपरस्ती हमारा ईमान है। जो मुल्क का वफ़ादार नही, वह मुल्क में रहने लायक नहीं। उन्होंने कहा कि भारत की तरक्की के लिये देश में इंसानियत को बढ़ाने की जरूरत है, जिसमें सभी धर्मों के लोग एक दूसरे का सम्मान करते हुए आपसी भाईचारा कायम करने का काम करें। इसी क्रम में सिख मत से डॉ. कर्मेन्द्र सिंह व मनजीत सिंह कोछड़, बहाई मत से डॉ. ए.के.मर्चेंट, ईसाई मत से रेव रिनवी नोएल, बौद्ध मत से भंते डॉ. धम्मापिया, जैन मत से पंडित संदीप सजल, ब्रह्माकुमारी रतना बहन ने एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने हेतु अपने अपने विचार रखकर सभी का ज्ञान वर्धन किया। इस अवसर पर सीईओ डॉ.शल्या राज, वरिष्ठ समाजसेवी शिब्बनलाल स्नेही, श्री प्रमोद प्रधान (घाट), एडवोकेट वी.के.शर्मा, मनोज शर्मा, शादाब खान, डॉ.फहीम, इमरान, अशोक टकसालिया, कुलसचिव एम याकूब, सैयद ज़फ़र हुसैन, डॉ.पिन्टू मिश्रा, कर्नल राजेश त्यागी, डॉ.सरताज अहमद, डॉ. मुकेश रूहेला, समीर सिंह आदि सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे।