×

Meerut News: आरएसएस के मेरठ प्रांत प्रचार प्रमुख सुरेंद्र सिंह बोले, छात्र नेताजी सुभाषचंद्र बोस के मूल्यों को अपनाएं

30 दिसम्बर 1943 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस के द्वारा भारत की धरती पर पोर्टब्लेयर में सर्वप्रथम भारतीय ध्वज को फहराया गया था और उसे ब्रितानवी शासन से स्वतंत्र घोषित किया गया था।

Sushil Kumar
Published on: 30 Dec 2024 9:47 PM IST
Meerut News (Pic- Newstrack)
X

Meerut News (Pic- Newstrack)

Meerut News: नेताजी सुभाष चंद्र बोस चेयर, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा सोमवार को स्वराज दिवस का आयोजन किया गया। 30 दिसम्बर 1943 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस के द्वारा भारत की धरती पर पोर्टब्लेयर में सर्वप्रथम भारतीय ध्वज को फहराया गया था और उसे ब्रितानवी शासन से स्वतंत्र घोषित किया गया था। इसी ऐतिहासिक दिवस की स्मृति में स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय की नेताजी सुभाषचंद्र बोस पीठ के द्वारा आज़ाद हिंद का ध्वजारोहण किया गया। प्रतिवर्ष यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप में आरएसएस के मेरठ प्रांत प्रचार प्रमुख सुरेंद्र सिंह तो विशिष्ट वक्ता के रुप में नेताजी सुभाषचंद्र बोस जन्मदिवस समारोह समिति,मेरठ के कार्यकारी महासचिव अरुण जिंदल ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक व प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. अतुल कृष्ण व विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल (डॉ.) जी. के. थपलियाल,सेवा मेडल(सेनि.) उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में सुभारती समूह के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण ने कहा कि हमें नेताजी के अखंड भारत के स्वपन को साकार करना है। इस सपने को साकार करना कोई मुश्किल कार्य नहीं है, इसको साकार करने को सुभारती समूह एक विचार को प्रकट करता है कि एक संयुक्त भारत गणराज्य को बनाना होगा। इसमें सभी पड़ोसी देश स्वायत्त रुप से शामिल हों केवल इन सभी की सेना, मुद्रा, विदेश नीति तथा संचार व्यवस्था कॉमन हो। इसकी पहल के लिए सभी राष्ट्रों को आगे आना होगा।

मुख्य वक्ता आरएसएस के मेरठ प्रांत प्रचार प्रमुख सुरेंद्र सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र नेताजी सुभाषचंद्र बोस के मूल्यों का पालन करके अपना जीवन साकार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने गौरवशाली इतिहास से अवगत होना जरूरी है, ताकि हम देश को आजाद कराने के लिए बलिदान देने वाले महापुरुषों को श्रद्धांजलि दे सकें। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस के आदर्शों को विद्यार्थियों में स्थापित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। सुरेंद्र सिंह ने कहा कि नेताजी भारत के पहले युवा थे जिसने आइसीएस की परिक्षा पास करने के बाद भी उसे ज्वाइन नहीं किया था क्योंकि वे गुलामी के समझौते को स्वीकार नहीं करना चाहते थे। नेताजी ने आइसीएस की नौकरी के नियुक्ति पत्र की शर्तों को पढ़ने के बाद इसे गुलामी का समझौता कहते हुए अपना त्यागपत्र दे दिया था।

विशिष्ट वक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता अरुण जिंदल ने कहा कि देशवासियों को 30 दिसंबर के गौरवशाली इतिहास को समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने ब्रिटिश सैनिकों से लड़ते हुए भारत की पावन धरती पर पहली बार अपना झंडा फहराकर अखंड भारत के स्वराज की घोषणा की थी। लेकिन इस दिन को इतिहास में उचित स्थान न मिलने के कारण देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को भुला दिया गया। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के सपनों को साकार करने के लिए इतिहास की सच्चाई को उजागर करने की दिशा में यह कदम उठाया है।

सभा को संबोधित करते हुए नेताजी सुभाषचंद्र बोस पीठ के अध्यक्ष डॉ. देशराज सिंह ने इस स्वराज दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह कहा कि स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ नियमित रूप से नेताजी से संबंधित ऐतिहासिक दिवसों का आयोजन करता रहता है। जिससे की युवाओं को नेताजी के जीवन से अधिक से अधिक प्रेरणा मिले।

कुलपति मेजर जनरल डॉ जी.के थपलियाल ने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय देशभक्ति की पाठशाला है और नेताजी सुभाषचंद्र बोस के प्रति सम्मान और देशभक्ति विश्वविद्यालय के कण-कण में समाहित है। उन्होंने कहा कि असंख्य महापुरुषों ने अपने खून से देश को सींचकर हमें आजादी दिलाई है। शहीदों को श्रद्धांजलि देकर राष्ट्रहित में योगदान देना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि नेताजी के बलिदान से प्रेरित होकर सुभारती विश्वविद्यालय 21 अक्टूबर को अखंड भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाता है। इस दौरान जनरल थपलियाल ने कहा कि विभाजनरहित भारत होगा तभी एक भारत और श्रेष्ठ भारत का नेताजी का देखा हुआ स्वपन पूरा हो पाएगा। इसके अलावा नेताजी सुभाषचंद्र बोस का संपूर्ण जीवन हमें राष्ट्रप्रेम, नेतृत्व और साहस की सीख देता है।

कार्यक्रम में बीएजेएमसी की छात्रा मनीषा कुमारी ने नेताजी पर स्वरचित कविता प्रस्तुत की। वहीं लिबरल आर्ट्स के विद्यार्थी अतुल कौशिक ने नेताजी पर आधारित भाषण प्रस्तुत किया। इस दौरान बीएजेमसी की ही छात्रा वर्षा राज ने नेताजी का गीत सुनाकर उपस्थित जनसमूह में ऊर्जा का संचार किया। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की सहायक आचार्य डॉ. प्रीती सिंह ने किया।



Shalini Rai

Shalini Rai

Next Story