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Swachh Survekshan 2023: मेरठ से 'तेजी से बढ़ते शहर' का खिताब छिना, विपक्ष हुआ हमलावर
Swachh Survekshan 2023: 'स्वच्छता सर्वेक्षण 2023' में मेरठ देश में 108 और प्रदेश के शहरों में 17 वें नंबर पर आया है। स्वच्छता के सभी पैमानों में मेरठ को कम अंक मिले हैं।
Meerut News: नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही और खोखले दावों की वजह से मेरठ 'स्वच्छता सर्वेक्षण' (Swachh Survekshan 2023) में एक बार फिर फिसड्डी रह गया। यही नहीं, मेरठ से तेजी से बढ़ते शहर का खिताब भी छिन गया है। यह हाल तब है जब शहर को साफ-सुथरा रखने पर नगर निगम प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च करता है। वहीं, अपनी इस असफलता को छुपाने के लिए नगर निगम के आला अधिकारी और मेयर भी अपने बचाव में जुटे हैं। वहीं, विपक्ष ने इसे लेकर बीजेपी पर हमले तेज कर दिये हैं।
सबकी 'अपनी डफली, अपना राग'
नगर निगम की रैंकिंग गिरने की वजह नगर आयुक्त डॉ.अमित पाल शर्मा पैटर्न बदलने को बताते हैं। उनका कहना है कि मेरठ स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ा नहीं है। असल में इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण एक लाख से अधिक आबादी वाले 446 शहरों के बीच से निकाला गया है। वहीं, महापौर हरिकांत अहलूवालिया (Mayor Harikant Ahluwalia) का कहना है कि, 'यह स्वच्छता सर्वेक्षण मेरे वर्तमान कार्यकाल का नहीं बल्कि पहले का है। अगले स्वच्छता सर्वेक्षण में हमें जरूर कामयाबी मिलेगी'।
सपा बोली- पूरा सिस्टम फेल, ये परिणाम तो आना था
वहीं, मेरठ से 'तेजी से बढ़ते शहर' का खिताब भी छिन जाने पर विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर हमले तेज कर दिए हैं। सपा के मेरठ शहर के विधायक रफीक अंसारी (SP MLA Rafiq Ansari) कहते हैं, 'जब सारा का सारा सिस्टम ही फेल है, तो स्वच्छता सर्वेक्षण का ऐसा परिणाम आना ही था।'
नगर निगम अफसरों की लापरवाही वजह
वार्ड-13 के आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के पार्षद रामपाल यादव स्वच्छता सर्वेक्षण में मेरठ के पिछड़ने को नगर निगम अफसरों की लापरवाही बताते हैं। उनका कहना है कि, 'नगर निगम के अधिकारी से लेकर कर्मचारी काम करने को ही तैयार नहीं हैं। सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। वहीं, बसपा के वार्ड-6 के पार्षद प्रशांत कस्साना का भी कमोबेश यही कहना है। प्रशांत कहते हैं, 'अधिकारी और कर्मचारी पूरी तरह से नकारा हो चुके हैं। शिकायत करो तो कोई सुनता ही नहीं'।
'स्वच्छता सर्वेक्षण' में मेरठ 17वें नंबर पर
आपको बता दें, 'स्वच्छता सर्वेक्षण 2023' में मेरठ देश में 108 और प्रदेश के शहरों में 17 वें नंबर पर आया है। स्वच्छता के सभी पैमानों में मेरठ को कम अंक मिले हैं।