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Meerut News: ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का खजाने पर असर, रोडवेज को लगा करोड़ों का फटका

Meerut News: सिटी बस सेवा के अंतर्गत संचालित इलेक्ट्रिक, सीएनजी और वोल्वो बसों का संचालन होने के कारण दो दिन में करीब 16 लाख रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।

Sushil Kumar
Published on: 3 Jan 2024 7:27 PM IST
transporters strike
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Meerut News: ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल मंगलवार देर रात ख़त्म हो गई। सरकार और ट्रांसपोर्टरों के बीच नए कानून पर सहमति बनने के बाद हड़ताल समाप्त हुई। जिससे रोडवेज अफसरों ने राहत की सांस ली। हिट एंड रन कानून के प्रावधानों का विरोध कर रहे चालकों ने रोडवेज बसों को डिपो से बाहर नहीं आने दिया। इस वजह से एक मोटे अनुमान के अनुसार मेरठ क्षेत्र में रोडवेज को दो करोड़ रुपए का फटका लगा है। पूरे उत्तर प्रदेश में यह नुकसान 15 करोड़ से भी अधिक का बताया जा रहा है।

मेरठ क्षेत्र में 280 अनुबंधित और 480 निगम बसें

इस संबंध में मेरठ क्षेत्र के प्रभारी आरएम सेवा प्रबंधक लोकेश राजपूत ने मोटे अनुमान के आधार पर बताया कि, 'दो दिन में रोडवेज की बसें ना चलने से करीब दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। प्रभारी आरएम के अनुसार, मेरठ क्षेत्र में 280 अनुबंधित और 480 निगम की बसें हैं। ये सभी हड़ताली चालकों के विरोध की वजह से संचालन के लिए डिपो से बाहर नहीं आ सकी। हालांकि, हमारे पास स्टाफ था।'

दो दिन में दो करोड़ का झटका

उन्होंने बताया, कि कुछ बसों को भेजने की कोशिश की भी गई लेकिन उन्हें कुछ दूरी पर ही हड़ताली चालकों ने रोक लिया। सुरक्षा दृष्टि से सभी बसों को डिपो में फिर खड़ा कर दिया गया। लोकेश राजपूत के अनुसार, 'मेरठ क्षेत्र में रोडवेज का रोजाना का कलेक्शन करीब एक करोड़ रुपये है। ऐसे में बसें नहीं चलने के कारण दो दिन में करीब दो करोड़ रुपये का नुकसान होने का मोटा अनुमान है। प्रभारी आरएम के अनुसार मंगलवार की देर रात नए कानून पर सहमति बनी तो चालकों की हड़ताल खत्म हो गई। बुधवार से बसों का संचालन एक बार फिर सुचारू हो गया है।'

वहीं, सिटी बस सेवा के अंतर्गत संचालित इलेक्ट्रिक, सीएनजी और वोल्वो बसों का संचालन होने के कारण दो दिन में करीब 16 लाख रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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