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Meerut News: चाहे मुझे दंड क्यों न भुगतना पड़े, आरक्षण के लिए कौम की आवाज उठाता रहूंगा, बोेले डा. संजीव बालियान
Meerut News: केंद्रीय राज्य मंत्री डा. संजीव बालियान ने जाटों को केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण दिलाने की मांग पर कहा कि चाहे मुझे दंड क्यों न भुगतना पड़े, कौम का आवाज इसी तरह उठाता रहूंगा और आरक्षण के लिए भी सभी को साथ लेकर पूरी ताकत लगाउंगा।
Meerut News: केंद्र में जाटों को ओबीसी के तहत आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर देशभर की अखिल भारतीय जाट महासभा के बैनर तले दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में सोमवार को हुंकार भरी। आयोजन में केंद्रीय राज्य मंत्री डा. संजीव बालियान द्वारा दिया गया बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ। विपक्षी दल ही नहीं बल्कि सियासी जानकार भी केंद्रीय राज्य मंत्री के आरक्षण के ताजा बयान को भाजपा के जाटों के आरक्षण के विरोध से जोड़ कर देख रहे हैं।
जाट आरक्षण के लिए पूरी ताकत लगा दूंगा : संजीव बालियान
दरअसल, अखिल भारतीय जाट महासभा के इस राष्ट्रीय अधिवेशन में केंद्रीय राज्य मंत्री डा. संजीव बालियान ने जाटों को केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण दिलाने की मांग पर कहा कि चाहे मुझे दंड क्यों न भुगतना पड़े, कौम का आवाज इसी तरह उठाता रहूंगा और आरक्षण के लिए भी सभी को साथ लेकर पूरी ताकत लगाउंगा। जाहिर है कि अगर वे सीधे-सीधे सरल शब्दों में जाटों की मारक्षण की मांग का समथर्न करते तो शायद उनके बयान की इतनी चर्चा नहीं होती। लेकिन,उन्होंने यह कह कर कि चाहे मुझे दंड क्यों न भुगतना पड़े, कौम का आवाज इसी तरह उठाता रहूंगा और आरक्षण के लिए भी सभी को साथ लेकर पूरी ताकत लगाउंगा। विपक्ष और सियासी जानकारों को यह कहने का मौका दे दिया है कि उनकी पार्टी जाटों के आरक्षण के पक्ष में नहीं है। अब क्योंकि वे (संजीव बालियान) जाटों के आरक्षण की मांग उठा रहे हैं तो उन्हें पार्टी केन्द्रीय नेतृत्व के हाथो दंड भुगतना पड़ सकता है।
बता दें कि इससे पहले रालोद द्वारा जाट आरक्षण के मुद्दे को हवा देने के बीच अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में डा. संजीव बालियान द्वारा ही पार्टी की लीक से हट कर पृथक उत्तर प्रदेश का मुद्दा उछालना गया था। लेकिन,उनकी इस मांग पर भाजपा के भीतर ही लकीर खिंचती दिखी। भाजपा के पूर्व विधायक संगीत सोम ने तो यहां तक कह दिया कि पश्चिम यूपी अलग हुआ, तो यह मिनी पाकिस्तान बन जाएगा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र खुशहाल है, लेकिन अलग हुआ तो मिनी पाकिस्तान जैसा होगा और सुरक्षा का खतरा भी पैदा हो जाएगा। एक तरफ संगीत सोम ने संजीव बालियान की बात का विरोध किया तो किसी अन्य भाजपा नेता ने इस पर कुछ नहीं कहा। साफ था कि भाजपा में अंदरखाने पश्चिम यूपी के विचार को लेकर कोई सहमति नहीं है। समर्थन ना मिलता देख डा. संजीव बालियान ठंडे पड़ गए। अब एक बार फिर उन्होंने जाट आरक्षण पर बयान देकर राजनीतिक हलकों में खलबली मचाई है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार डा.बालियान पार्टी लीक से हटकर बयान क्यों दे रहे हैं।
सियासी जानकारों की माने तो इसकी वजह जाटों को अपने पाले में लाने की कोशिश है। दरअसल, मुजफ्फरनगर में 2019 में संजीव बालियान की जीत का अंतर 6,000 वोटों से भी कम का था। उसके बाद किसान आंदोलन भी हुआ था और उसका असर भी देखने को मिला। पार्टी सूत्रों की मानें तो 2024 के चुनाव में उनके टिकट पर पार्टी नेतृत्व की कैंची चल सकती है। इसलिए बालियान एक तीर से दो शिकार करने के प्रयास में हैं। यानी पार्टी पर टिकट के लिए दबाव बनाया जा सके। अगर फिर भी टिकट कटता है तो जाटों में यह संदेश जाए कि उनके आरक्षण की खुलकर मांग करने के कारण ही उन्हें पार्टी टिकट से वंचित होना पड़ा है यानी दंड भुगतना पड़ा है।