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Meerut: अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़, भारी मात्रा में हथियार बरामद, बाप-बेटे चोरी-छिपे बनाते थे आर्म्स
Meerut Crime News: एसटीएफ एसपी बृजेश सिंह के मुताबिक, 'हमें वेस्ट यूपी के जिलों में अवैध हथियारों के निर्माण और उनकी तस्करी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाएं मिली थी।
Meerut Crime News: यूपी पुलिस को अवैध हथियारों के मामले में बड़ी कामयाबी मिली। पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) एवं स्थानीय पुलिस की संयुक्त छापेमारी में अवैध हथियार बनाने वाली एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। एसटीएफ और मेरठ पुलिस को मौके से हथियारों का जखीरा मिला है।
छापेमारी के दौरान अवैध हथियार बनाने के लिए इस्तेमाल की जा रही मशीनों और औजारों को भी यूपी एसटीएफ ने जब्त किया। वहीं, यूपी एसटीएफ (UP STF) ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों बाप-बेटे हैं।
STF SP- वेस्ट यूपी में हथियार फैक्ट्री की मिली सूचना
एसटीएफ एसपी बृजेश कुमार सिंह (STF SP Brijesh Kumar Singh) ने बताया कि, 'गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र निवासी मोइनुद्दीन पुत्र तौसीफ और तौसीफ पुत्र स्व.अब्दिल रशीद है। एसपी बृजेश सिंह के मुताबिक, 'हमें वेस्ट यूपी के जिलों में अवैध हथियारों के निर्माण और उनकी तस्करी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाएं मिली थी। इस संबंध में एसटीएफ की मेरठ इकाई को मुखबिर ने सूचना दी कि, थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र के शाहजहां कालोनी गली नम्बर- एक बुटैर वाली गली में आइसक्रीम फैक्ट्री के सामने चोरी छिपे अवैध शस्त्रों ,पिस्टल आदि का निर्माण किया जा रहा है'।
गिरफ्तार लोगों ने ये बताया
जानकारी पर एसटीएफ मेरठ इकाई के निरीक्षक सुनील कुमार की अगुवाई में एक टीम ने स्थानीय लिसाड़ी पुलिस को साथ लेकर मुखबिर ने बताए गए मकान पर छापामारी की। वहां एक व्यक्ति अवैध शस्त्र बनाते हुए पाया गया। मौके से इस व्यक्ति और एक अन्य शख्स को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि, हम दोनों पिता-पुत्र पहले खराद का काम करते थे। उस काम के बंद हो जाने के बाद हमने अपने मोहल्ले के ही आसिफ पुत्र अकबर से जिसकी हार्डवेयर की दुकान है, हमने खराद का काम दिलवाने के लिए कहा। इस पर आसिफ ने कहा कि, खराद का काम तो हमारे पास नहीं है। अलबत्ता कुछ लोगों को हम जानते हैं, जो कि पिस्टल सप्लाई का काम काम करते हैं। सैंपल के लिए पिस्टल लाकर मैं आपको दूंगा। कच्चा माल जिससे पिस्टल बनाई जाती है'।
'अभियुक्त अब तक 60-70 पिस्टल दे चुके हैं'
गिरफ्तार अभियुक्तों के अनुसार, जिसके बाद हमने कुछ दिनों तक तो पिस्टल बनानी सीखी। फिर खुद से बनाना शुरू किया। हम पिस्टल तैयार कर आसिफ को देते थे। आसिफ उन्हें अपने साथियों की मदद से ग्राहकों को बेचता था। प्रति पिस्टल के हिसाब से 20-22 हजार रुपए में आसिफ के साथी पिस्टल हमसे लेकर उन्हें ग्राहकों को 30 से 35 हजार रुपये में बेचते थे। एसटीएफ के एसपी बृजेश कुमार सिंह ने पूछताछ के आधार पर बताया कि, अभी तक गिरफ्तार अभियुक्त 60 से 70 पिस्टल दे चुके हैं।