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Meerut News: इटली में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की प्रतियोगिता में दांतों से 125 किलो वजन उठाने का नया रिकॉर्ड

Meerut News: गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रतियोगिता में उन्होंने दोनों पुत्रों अनमोल स्वामी(10), आदित्य स्वामी(16) के साथ 125 किलो ग्राम वजन को दांतों से उठाकर विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कराया।

Sushil Kumar
Published on: 17 Feb 2025 10:02 PM IST (Updated on: 18 Feb 2025 7:03 AM IST)
Meerut News: इटली में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की प्रतियोगिता में दांतों से 125 किलो वजन उठाने का नया रिकॉर्ड
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Meerut News: मेरठ के कस्बा करनावल के योग गुरु के नाम से विकास स्वामी(40) अनमोल स्वामी(10) और आदित्य स्वामी(16) तीनों पिता पुत्रों की जोड़ी ने इटली के मिलान शहर में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में 125 किलो वजन दांतों से उठा कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में पहला स्थान पाया। विकास स्वामी के अनुसार उनकी संस्था द्वारा ही इस प्रतियोगिता के लिए आमंत्रित किया गया था। इससे जहां उन्होंने क्षेत्र का नाम रोशन किया है वहीं, देश के लिए भी गौरव के पल उपलब्ध कराए।

गत 14 फऱवरी को इटली में संपन्न इस गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रतियोगिता में उन्होंने दोनों पुत्रों अनमोल स्वामी(10), आदित्य स्वामी(16) के साथ 125 किलो ग्राम वजन को दांतों से उठाकर विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कराया। जैसे ही यह खबर कस्बे तक पहुंची कस्बें में खुशी की लहर दौड़ गई। रविवार को अपने गांव लौटे विकास स्वामी अपनी इस उपलब्धि से खुश तो काफी दिखे। लेकिन,सरकार और जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा से काफी नाराज भी दिखे। न्यूज़ट्रैक के साथ बातचीत में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए विकास स्वामी कहते है- सरकार द्वारा हमे अभी तक कोई मदद नहीं दी गई। जबकि दूसरे खेलो में मैडल लाने वालों को सरकार पुरस्कार और नौकरी भी देती है। जबकि हमें अभी तक एक चवन्नी की भी मदद नहीं की गई। यहां तक कि आज तक कोई मंत्री तो क्या सांसद और विधायक ने भी हमें सम्मानित नहीं किया। केवल गांव समाज द्वारा ही चार पांच बार हमें सम्मानित किया जा चुका है। यही हाल सरकारी अफसरों का भी है। जबकि देश का गौरव तो हम भी बढ़ा ही रहे हैं।

इटली में हुई प्रतियोगिता के बारे में विकास स्वामी कहते हैं-बड़ा ही टफ रिकॉर्ड था हमारे लिए जो टाइमिंग उन्होंने हमारे लिए रखी थी तो बहुत बड़ा चैलेंज बन गया था। हमने यह चैलेंज सेकंड अटेम्प्ट में पूरा किया है। पहले अटेम्प्ट में जहां पर सिर्फ 25 सेकंड ही होल्ड पर कर पाए थे। लेकिन फिर तुरंत उन्होंने दूसरी बार 35 पॉइंट 57 सेकंड होल्ड होल्ड किया और देश के लोंगो की दुआओं और आशीर्वाद के बदौलत गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने में सफलता पा ली। उन्होंने बताया कि इस सफलता में उऩके दोनो पुत्र भी शामिल हैं। तीनों को सर्टिफिकेट मिले हैं।

विकास स्वामी के अनुसार वें इटली से आज ही गांव लौटे हैं। विकास स्वामी का आगे कहना कि 2023 में भी उन्होंने(पिता-पुत्र) मुंबई में इंडिया गॉट टैलेंट के मंच में भी उन्होंने प्रतिभाग किया था। तब 80 किलो 260 ग्राम वजन हैंड स्टैंड पोजीशन से दांतों से 2 इंच की हाइट पर उठाया था। 5 सेकंड तक होल्ड किया था. यह देखकर मंच पर बैठे सभी लोग भी हैरान हो गए थे। उनके इस कारनामे से तब भी गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज हुआ था। छोटा बेटा 61 किलोग्राम वजन उठा चुका है। बड़ा बेटा 105 किलो ग्राम दांतो से उठा चुका है।

यह पूछे जाने पर की आपने अपने दांतो से ऐसा कमाल कैसे किया । क्या आप कोई वस्तु-विशेष चीज का इस्तेमाल करते हैं। विकास स्वामी ने कहा कि करते हैं। लेकिन,इसका वें खुलासा नहीं करेंगे। अभई तक भी उऩ्होंने किसी भी प्लेटफार्म अथवा मीडिया के समक्ष इसका खुलासा नहीं किया है। यह हमने अभी तक गोपनीय ही रखा है। क्योंकि आप भी जानते हैं कि हर कोई आदमी यही चाहता है कि आपका कैरियर बने। जब भी कोई बड़ा ब्रांड हमें अपना ब्रांड अंबेसडर बनाए तो हम अपनी बात बताएँ कि हम क्या और कैसे करते हैं। काफी कुरेदने पर विकास स्वामी इतना ही बताते हैं कि कोई तेल है जो कि वो रात को दांतो में लगा कर सो जाते हैं। सुबह उठ कर ही फिर कुल्ला करते हैं।

सवालों के जवाब में विकास स्वामी कहते हैं कि वें(पिता-पुत्र) अब तक कुल 29 पुरस्कार देश-विदेश में जीत चुके हैं। इनमें 13 वें स्वंय और 8-8 पुरस्कार उनके दोनो पुत्र जीत चुके हैं। विकास स्वामी बताते हैं जीवन में उनके एक दौर ऐसा भी आया कि वर्ष 2010 में दब वह स्कूल बस चलाते थे तब मेरठ में ही सरधना रोड पर उनके साथ दुर्घटना हुई थी। उसके बाद उन्हें काफी समय तक अस्पताल और घर पर ही ट्रीटमेंट करना पड़ा था। इस हादसे में उनकी काफी हद तक यारदाश्त चली गई थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी योग धारा को अपनाया और तय किया कि मुझे अपनी पहचान बनानी है।

पहला पुरस्कार उन्हें 2021 में मिला था जब उन्होंने इंडिया रिकार्ड बनाया था। भविष्य के बारे में पूछने पर विकास स्वामी का कहना है कि मैं यही चाहता हूं कि मेरे बच्चे भी आगे बढ़े और अपना एक अलग मुकाम हासिल करें। आज हमारी अगर विदेशों में भी पहचान है तो योग से हैं। हम यही चाहते हैं कि इसी तरह आगे भी हम देश का नाम विश्व में रोशन करते रहें। हमारा उद्देश्य लोगो को यही संदेश देना है कि इरादे बुलन्द हो तो कुछ भी अंसभव नहीं है केवल इरादे पक्के होने चाहिए।



Ramkrishna Vajpei

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