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Meerut News: मार्मिक और द्रौपदी का साहस, दिल छू लेने वाली परफॉर्मेंस, श्रीकृष्ण ने जब द्रौपदी की लाज बचाई, पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा

Meerut News: मंचन के दौरान कई दर्शकों की आँखें नम हो गईं, तो कईयों ने इस दृश्य के सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश पर गंभीरता से विचार किया।

Sushil Kumar
Published on: 3 March 2025 9:57 PM IST
Meerut News: मार्मिक और द्रौपदी का साहस, दिल छू लेने वाली परफॉर्मेंस, श्रीकृष्ण ने जब द्रौपदी की लाज बचाई, पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा
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Meerut News: मंच पर महाभारत के सबसे महत्वपूर्ण प्रसंग ‘द्रौपदी चीरहरण’ को जब मंच पर प्रस्तुत किया, तो हॉल में बैठी ऑडियंस खुद को इस मार्मिक और द्रौपदी के साहस को दर्शाती दिल छू लेने वाली परफॉर्मेंस देख, ताली बजाने से नहीं रोक सकी।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय की साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद, महिला अध्ययन केंद्र और चरक स्कूल ऑफ फार्मेसी के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न नाट्य मंचन में महाभारत के ‘द्रौपदी चीर हरण’ प्रसंग, अहिल्याबाई होलकर की जीवनी, भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया उपदेश का प्रभावशाली मंचन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन में हुआ।

नाटक का मंचन ऐसा सजीव था कि दर्शकों को ऐसा अनुभव हुआ मानो वे हस्तिनापुर की राजसभा में स्वयं उपस्थित हों। सभा में दुर्योधन, दुशासन, शकुनि और कर्ण की कुटिल मुस्कानों के बीच जब पांडव अपनी पराजय स्वीकारते हैं और द्रौपदी को भरी सभा में अपमानित करने का प्रयास किया जाता है, तब वातावरण शोकमय हो उठता है।

मंच पर जब दुशासन द्रौपदी के चीर हरण का प्रयास करता है और द्रौपदी श्रीकृष्ण को पुकारती हैं, तो पूरा सभागार भावनाओं से भर उठता है। दर्शकों की आँखों में भावनाएँ उमड़ने लगती हैं, और जब श्रीकृष्ण दिव्य चमत्कार से द्रौपदी की लाज बचाते हैं, तब पूरा सभागार तालियों से गूंज उठता है।

मेरठ, जो ऐतिहासिक रूप से महाभारत काल के हस्तिनापुर के समीप स्थित है, इस प्रसंग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह नाट्य मंचन केवल एक ऐतिहासिक प्रसंग को जीवंत करने का प्रयास नहीं था, बल्कि समाज को यह संदेश देने का एक सशक्त माध्यम था कि नारी का सम्मान सर्वोपरि है। मंचन के दौरान कई दर्शकों की आँखें नम हो गईं, तो कईयों ने इस दृश्य के सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश पर गंभीरता से विचार किया।

साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद की अध्यक्ष प्रो. नीलू जैन गुप्ता, समन्वयक प्रो. कृष्ण कांत शर्मा और महिला अध्ययन केंद्र की समन्वयक प्रो. बिंदु शर्मा एवं फार्मेसी प्रिंसिपल डॉ. वैशाली पाटिल ने इस नाट्य प्रतियोगिता को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विशिष्ट अतिथि एवं निर्णायक मंडल के सदस्य श्री भारत भूषण, श्री सुभाष चंद्र नलवा, श्री सुदेश कुमार जख्मी, डॉ शिवानी सिंह, मिस अनुराधा शर्मा एवं मिस शिवानी शर्मा ने छात्रों के प्रदर्शन की सराहना की। श्री भारत भूषण जी ने विश्वविद्यालय के छात्रों को बिना किसी फीस के मार्गदर्शन करने की घोषणा की।

कार्यक्रम संयोजकों डॉ. अंशु अग्रवाल, डॉ. विजेता गौतम एवं श्रीमती रमिता चौधरी ने इस आयोजन को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया। कार्यक्रम का समापन संयोजक डॉ वैशाली पाटिल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

Ramkrishna Vajpei

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