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पशुओं की खुली बिक्री पर रोक का विरोध, पशु और मांस व्यापारियों ने दी आंदोलन की धमकी
व्यापारियों ने कहा कि सरकार का यह कदम भेदभाव भरा है, क्योंकि सरकार ने मांस निर्यात करने वाले बड़े कारोबारियों को सुविधाएं दे रखी हैं, और छोटे कारोबारियों को असंगत नियम-कानूनों में बांध रही है।
मुज़फ्फरनगर: पशु व्यापारियों ने कटान के लिए पशुओं की खरीद-बिक्री पर रोक की अधिसूचना का विरोध किया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी इस अधिसूचना के अनुसार पशु व्यापारी खरीद-बिक्री के समय उसका वध न करने की बात अपनी पहचान के साथ लिख कर देगा। पशु और मांस व्यापारियों ने एक बैठक करके इसके खिलाफ आंदोलन की धमकी दी है।
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खुली पशु बिक्री पर रोक का विरोध
मुज़फ्फरनगर शहर कोतवाली क्षेत्र के मुस्लिम बाहुल्य खालापार इलाके में पशु और मीट व्यापारियों ने केंद्र सरकार की अधिसूचना के विरोध में बैठक की। व्यापारी इस बात का विरोध कर रहे हैं कि अब उन्हें पशु बाजार में भैंस या भैंसा खरीदने वाले को लिखित में देना होगा कि वह न तो इसे खुद काटेगा, न स्लाटर हाउस ले जाएगा।
व्यापारियों ने कहा कि सरकार का यह कदम भेदभाव भरा है, क्योंकि सरकार ने मांस निर्यात करने वाले बड़े कारोबारियों को सुविधाएं दे रखी हैं, और छोटे कारोबारियों को असंगत नियम-कानूनों में बांध रही है। पशु व्यापारियों का कहना है कि मीट बन्दी से पशु व्यापर पहले से ही बंद पड़ा है। अब नये नोटिफिकेशन के बाद उनका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएगा।
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चेतावनी
व्यापारियों ने बैठक के बाद चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उन्हें कारोबार की सुविधा नहीं दी, तो वे अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे। बता दें, कि देश में हर साल करीब एक लाख करोड़ रुपये का मीट कारोबार होता है।