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Milkipur By-election: नाराज दावेदारों को मनाने में जुटी भाजपा, तीन नेताओं के घर पहुंचे शाही और स्वतंत्र देव
Milkipur By-election: मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया।
Milkipur By-election: मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पासवान के नामांकन के मौके पर योगी सरकार के सात मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी मौजूद थे। हालांकि मिल्कीपुर में टिकट के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे बाबा गोरखनाथ समेत कई अन्य दावेदारों ने नामांकन से किनारा कर लिया।
खबर है कि टिकट कटने से कई दावेदारों में नाराजगी है और इसी कारण उन्होंने नामांकन से दूरी बनाई। ऐसे में भाजपा ने नाराज दावेदारों को मनाने का काम शुरू कर दिया है। इस कड़ी में प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री सूर्य प्रताप शाही और स्वतंत्र देव सिंह ने गुरुवार को टिकट के तीन प्रमुख दावेदारों के घर पर जाकर उन्हें मनाने की कोशिश की और समय आने पर उचित समायोजन का आश्वासन दिया।
मिल्कीपुर की जंग भाजपा के लिए क्यों है अहम
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र की सियासी जंग भाजपा और सपा दोनों के लिए सियासी नजरिए से काफी अहम मानी जा रही है। प्रदेश में पिछले दिनों हुए विधानसभा उपचुनाव के दौरान भाजपा ने नौ में से सात सीटों पर जीत हासिल करके अपनी ताकत दिखाई थी। अब भाजपा मिल्कीपुर में भी सपा को पटखनी देकर लोकसभा चुनाव के दौरान मिली हार का बदला लेना चाहती है।
यही कारण है कि भाजपा ने यहां पर पूरी ताकत लगा रखी है मगर टिकट के दावेदारों की नाराजगी ने पार्टी के बड़े नेताओं के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। इसीलिए नाराज नेताओं को मनाने की कवायद शुरू कर दी गई है।
राधेश्याम त्यागी को मनाने की कोशिश
इसी सिलसिले में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह गुरुवार को तीन नाराज नेताओं के घर पर पहुंचे और उन्हें मनाने का प्रयास किया। सबसे पहले दोनों मंत्री भाजपा के जिला महामंत्री राधेश्याम त्यागी के आवास पर पहुंचे और उन्हें मनाने की कोशिश की। कोरी समाज से ताल्लुक रखने वाले त्यागी को भी मिल्कीपुर में टिकट का बड़ा दावेदार माना जा रहा था।
मिल्कीपुर में कोरी समाज के करीब 18 हजार वोट हैं और इसलिए भाजपा की जीत के लिए त्यागी काफी महत्वपूर्ण हो गए हैं। दोनों मंत्रियों ने त्यागी के साथ ही उनके परिवार के अन्य सदस्यों से भी मुलाकात की। जानकारों का कहना है कि त्यागी को समय आने पर उचित समायोजन का आश्वासन दिया गया है। दोनों मंत्रियों ने त्यागी से चंद्रभानु पासवान को मदद देने और उनके चुनाव प्रचार में जुटने का अनुरोध किया।
बाबा गोरखनाथ की नाराजगी पड़ सकती है भारी
मिल्कीपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की ओर से बाबा गोरखनाथ को चुनाव मैदान में उतारा गया था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उपचुनाव के दौरान टिकट हासिल करने के लिए बाबा गोरखनाथ ने पूरी ताकत लगा रखी थी मगर उन्हें निराशा हाथ लगी। गुरुवार को चंद्रभानु पासवान के नामांकन में बाबा गोरखनाथ ने हिस्सा नहीं लिया।
उनकी नाराजगी की खबर मिलने के बाद शाही और स्वतंत्र देव ने बाबा गोरखनाथ से भी मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान बाबा गोरखनाथ ने टिकट न मिलने पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उनका कहना था कि मैं लंबे समय से उपचुनाव की तैयारी कर रहा था मगर पार्टी की ओर से एक बाहरी को टिकट दे दिया गया।
पासी समाज से ताल्लुक रखने वाले बाबा गोरखनाथ की अपनी बिरादरी के वोटों पर मजबूत पकड़ मानी जाती है। दोनों मंत्रियों ने बाबा गोरखनाथ को सरकार और संगठन में उचित समायोजन का आश्वासन दिया है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि बाबा गोरखनाथ ने अपने जवाब में क्या कहा है।
प्रियदर्शी को भी मनाने की कवायद
पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी को भी मिल्कीपुर में टिकट का मजबूत दावेदार माना जा रहा था। टिकट कटने से प्रियदर्शी भी नाराज बताए जा रहे हैं। सत्ता और संगठन में उचित सम्मान न मिलने के कारण प्रियदर्शी पहले से ही नाराज चल रहे हैं और अब टिकट कटने पर उनकी नाराजगी और बढ़ गई है। प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने उन्हें भी मनाने का प्रयास किया है।
प्रियदर्शी को मनाने के लिए शाही अयोध्या के पार्टी जिला अध्यक्ष संजीव सिंह को लेकर पहुंचे थे। इस मुलाकात के दौरान प्रियदर्शी ने अपनी उपेक्षा किए जाने का बड़ा आरोप लगाया। उनका कहना था कि सरकार और संगठन में उन्हें किनारे कर दिया गया है।
नाराज नेता नहीं माने तो पड़ेगा बड़ा असर
शाही ने प्रियदर्शी से भी चंद्रभानु पासवान के चुनाव में जुड़ने का अनुरोध किया। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में भाजपा नेताओं की ओर से अन्य नाराज नेताओं को भी मनाने की कवायद की जाएगी।
वैसे अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि भाजपा नेताओं को टिकट के नाराज दावेदारों को मनाने में कहां तक कामयाबी मिली है। अगर भाजपा नाराज नेताओं को मनाने में कामयाब नहीं हुई तो इसका चुनाव पर बड़ा असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।