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शिक्षामित्रों की बल्ले-बल्ले: अब मिल सकती है स्थायी नौकरी, सरकार ने किया ऐलान

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने विधान परिषद में कहा कि शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक की नौकरी देने के लिए एक और भर्ती में भारांक दिया गया जाएगा। शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास फिलहाल नहीं है।

Vidushi Mishra
Published on: 3 March 2021 11:03 AM GMT
शिक्षामित्रों की बल्ले-बल्ले: अब मिल सकती है स्थायी नौकरी, सरकार ने किया ऐलान
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शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक की नौकरी देने के लिए एक और भर्ती में भारांक दिया गया जाएगा। समायोजित शिक्षामित्रों के मुद्दे सरकार कभी पहले न्यायालय नहीं गई।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक की नौकरी देने पर बड़ी खबर आई है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने विधान परिषद में कहा कि शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक की नौकरी देने के लिए एक और भर्ती में भारांक दिया गया जाएगा। साथ ही ये भी स्पष्ट कर दिया कि शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास फिलहाल नहीं है। वहीं प्रदेश सरकार जल्द ही सहायक अध्यापकों के तबादलों की नियमावली में संशोधन कर नई नियमावली लाने जा रही है।

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शिक्षकों के खाली पदों को लेकर उठाए गए

ऐसे में बेसिक शिक्षा मंत्री विधान परिषद में सपा सदस्य डॉ. मान सिंह के सवाल पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि समायोजित शिक्षामित्रों के मुद्दे सरकार कभी पहले न्यायालय नहीं गई। इस बारे में विपक्ष गलत तथ्य रख रहा है।

इस पर उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का जिले के अंदर समायोजन ग्रीष्मावकाश के दौरान किया जाएगा। जिन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या अनुपात से अधिक है वहां के अतिरिक्त शिक्षकों को दूसरे विद्यालयों में तैनात किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में एक भी परिषदीय विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है।

ऐसे में द्विवेदी बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों को लेकर उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे। कई विद्यालयों में एक शिक्षक तो कहीं शिक्षामित्र या अनुदेशक से संचालन कराया जा रहा है।

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अध्यापकों की भर्ती की कार्यवाही

शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत प्राथमिक स्कूलों के लिए 30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक (1:30) की तैनाती का प्रावधान है। लेकिन प्रदेश में यह औसत 1:36 का है। वहीं, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए 1:35 के अनुपात का प्रावधान है, लेकिन प्रदेश में यह 1: 53 है।

उन्होंने कहा कि सहायक अध्यापकों की पदोन्नति पर उच्च न्यायालय की रोक होने के कारण उच्च प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पद अधिक हैं। सरकार कोर्ट से मामले का निस्तारण कराने के लिए प्रयासरत है। योगी सरकार ने करीब चार साल में 1,19,287 सहायक अध्यापकों की भर्ती की है। जबकि एडेड जूनियर हाई स्कूलों में 1894 सहायक अध्यापकों की भर्ती की कार्यवाही शुरू की गई है।

इसी कड़ी में शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश ने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही सहायक अध्यापकों के तबादलों की नियमावली में संशोधन कर नई नियमावली लाने जा रही है। जिसके बाद शिक्षकों के ग्रामीण से शहरी और शहरी से ग्रामीण क्षेत्रों में तबादले का रास्ता साफ हो जाएगा। वे विधानसभा में बसपा दल के नेता लालजी वर्मा के इस संबंध में पूछे सवाल का जवाब दे रहे थे।

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Vidushi Mishra

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