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UP News: मंत्री राकेश सचान ने तोड़ी चुप्पी, कहा सभी प्लाट नियमानुसार आवंटित किए गए थे, अब रिकवर किया जाएगा
UP News: अभी तक हमें इस बारे में इतना पता नहीं था। जब हमें जानकारी हुई, तो मैने नोटिस जारी कर दिया। जिनके उद्योग अबी तक स्थापित नहीं है, उनके प्लाट निरस्त किए जाएं।
UP News: एमएसएमई मंत्री राकेश सचान पर प्लाटों के आवंटन में अनियमितता को लेकर विपक्ष ने कई गंभीर आरोप लगाए थे। मंत्री ने आज सभी आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि 2012 में 72 प्लाटों का आवंटन नियम के तहत हुआ था। जिसकी अध्यक्षता डीएम ने की थी। यह मीटिंग वहीं की गयी थी जहां उद्योग बंधुओं के लिए होती है।
उन्होने कहा कि जब प्लाट बना होगा तो उस समय खरीददार नहीं मिले होंगे। इसी वजह से सभी प्लाटों को एक ही व्यक्ति के नाम पर आवंटित कर दिया गया। अभी तक हमें इस बारे में इतना पता नहीं था। जब हमें जानकारी हुई, तो मैने नोटिस जारी कर दिया। जिनके उद्योग अभी तक स्थापित नहीं है, उनके प्लाट निरस्त किए जाएंगे। वो सभी प्लाट जो वास्तव में उद्यमी हैं, उन्हे आवंटित किए जाएंगे।
प्लाट खाली, कोई लेने वाला नहीं-राकेश सचान
उन्होने कहा कोई भी व्यक्ति जो अपना स्टार्टअप करना चाहता है वो प्लाट खरीद सकता है। इसके लिए एक प्रक्रिया है। जिसे डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा निर्धारित किया जाता है। अभी ढेर सारे जमीन पड़े हैं। कोई लेने वाला नहीं है। इसके लिए वहां पर अब नाली व आने जाने के लिए अच्छी सड़कें बनवाने की तैयारी की जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
लघु उद्योग भारती, फतेहपुर के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने आयुक्त, निदेशक उद्योग को पत्र भेज आरोप लगाथा था। उसमे कहा गया था कि फतेहपुर में आठ इंडस्ट्रियल एसिया है। जिसमे 32 प्लॉट (1 से 17 नंबर और 22 से 36) एक ही व्यक्ति राकेश सचान के नाम हैं। जिसका पता स्पष्ट नहीं है। 10 प्रतिशत सिक्योरिटी मनी भी अभीतक जमा नहीं है। जबकि मिनी औद्योगिक आस्थान सुधवापुर के 45 प्लॉटों में से 40 आवंटित हैं। सभी 40 प्लॉट (नंबर 1 से 40) एक ही व्यक्ति राकेश सचान के नाम हैं। इसका पता भी अज्ञात है। इन प्लॉटों पर स्थापित किए गए उद्योग का नाम प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान बताया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार इन प्लाटों पर पर गौशाला का निर्माण कराया गया है।