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UP News: प्रदेश में अपार आईडी अभियान, निजी स्कूलों में प्रगति धीमी
UP News: हाल ही में शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के निजी स्कूलों में अभी तक केवल 41 फीसदी छात्रों की अपार आईडी बनाई गई है।
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UP News: शिक्षा मंत्रालय की ओर से प्रदेशभर में स्कूली विद्यार्थियों के लिए ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में समान रूप से लागू किया जा रहा है, लेकिन निजी स्कूलों में अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत धीमी रही है। इसे ध्यान में रखते हुए अब निजी स्कूलों में इस पर अधिक फोकस किया जाएगा। मंगलवार, 13 फरवरी को राज्यभर में मेगा अपार दिवस मनाने की योजना बनाई गई है। जिसमें इस अभियान को तेज करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
निजी स्कूलों में केवल 41 प्रतिशत छात्रों की बनी अपार आईडी
हाल ही में शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के निजी स्कूलों में अभी तक केवल 41 फीसदी छात्रों की अपार आईडी बनाई गई है। इसके बावजूद सरकारी स्कूलों में यह आंकड़ा बेहतर है, लेकिन फिर भी प्रदेशभर में 50 फीसदी से कम छात्रों की अपार आईडी बनी है। शिक्षा मंत्रालय ने निजी विद्यालयों को अधिक प्रयास करने और कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए हैं। ये विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा के बाद अन्य संस्थानों में जाएंगे, इसलिए उनकी अपार आईडी जल्द से जल्द बनाई जानी चाहिए।
मेगा अपार दिवस पर विशेष अभियान
शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बीएसए और डीआईओएस को 11 फरवरी को मेगा अपार दिवस मनाने के आदेश दिए हैं। इस दिन विशेष अभियान चलाकर उन छात्रों की अपार आईडी बनाई जाएगी जो अब तक रजिस्टर्ड नहीं हो पाए हैं। यह कदम सरकारी स्कूलों की तुलना में निजी स्कूलों में अपार आईडी के आंकड़ों को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
वेतन रोकने पर विवाद
इस बीच अपार आईडी बनाने में आ रही तकनीकी समस्याओं को लेकर आम आदमी पार्टी के शिक्षा प्रकोष्ठ ने नाराजगी जताई है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने कहा कि आधार कार्ड में भिन्नताएं और अन्य तकनीकी कारणों से कई छात्रों की अपार आईडी नहीं बन पा रही है। इसके बावजूद सरकारी प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों का वेतन रोकना अनुचित है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ जिलों में इस आदेश के बावजूद शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, जो कि नियमों के खिलाफ है। इस अभियान की सफलता और शिक्षकों के वेतन संबंधित विवादों के समाधान के लिए जल्द ही प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।