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Mathura News: मथुरा के जेल में नाबालिगों को दी गई तालिबाली सजा, भागने की सजा- शरीर पर चोटों के लाल निशान

Mathura News: मथुरा के बाल संप्रेक्षण गृह में तालिबानी सजा की तस्वीरें सामने आई हैं। नाबालिग दो बंदियों को यह सजा जेल की खिड़की को तोड़कर भागने की कोशिश करने के लिए दी गई है।

Nitin Gautam
Published on: 9 Sept 2022 9:00 PM IST
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मथुरा: मथुरा के बाल संप्रेक्षण गृह जेल में नाबालिगों को भागने की सजा दी गई

Mathura News: मथुरा के बाल संप्रेक्षण गृह (child observation home) में तालिबानी सजा की तस्वीरें सामने आई हैं। नाबालिग दो बंदियों को यह सजा जेल की खिड़की को तोड़कर भागने की कोशिश करने के लिए दी गई है। फिलहाल बच्चों का मेडिकल परीक्षण (medical tests) करा दिया गया है। जिसमें नाबालिगों के शरीर पर चोटों के लाल निशान पाए गए हैं और मामले के सामने आने के बाद ज़िला प्रोबेशन अधिकारी ने जांच बिठा दी है। जिला प्रोबेशन अधिकारी अनुराग श्याम रस्तोगी का कहना है कि जो भी जांच में दोषी पाए जायेंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी ।

जिला प्रोबेशन अधिकारी अनुराग श्याम रस्तोगी का कहना है कि नाबालिग बंदियों ने खिड़की को तोड़ने का प्रयास किया था लेकिन उनकी यह कोशिश नाकाम हुई । बाल संप्रेक्षण गृह (child observation home) में तैनात कर्मचारियों ने दोनों किशोरों को पकड़ लिया और फिर दोनों नाबालिगों के साथ मारपीट की बात सामने आईं है । मारपीट की वजह से आई चोटों की पुष्टि जिला अस्पताल के डॉक्टर ने भी की है ।

किशोरों के शरीर पर हर जगह चोट के निशान- चिकित्सक जिला अस्पताल

चिकित्सक जिला अस्पताल, डॉक्टर सुशील का कहना है कि किशोरों के पटपक्ष पर मारपीट के निशान है और दोनों किशोरों के शरीर का ऐसा कोई भी हिस्सा नहीं है यहां उनके चोटो के निशान ना हो।

माता-पिता गरीब हैं इसीलिए भाग रहे थे- नाबालिग बंदी किशोर प्रशांत

उधर , संप्रेक्षण गृह से भाग रहे नाबालिग किशोर प्रशांत का कहना है कि उसके माता-पिता गरीब हैं इसीलिए उसको वह छुड़ा नहीं सकते इसीलिए उन्होंने जेल तोड़कर भागने की कोशिश की थी। किशोर के साथ हुई मारपीट से भयभीत किशोर जेल जाने के नाम पर डर रहे हैं, किशोर ने रोते रोते बताया कि बच्चा जेल के सुरक्षाकर्मी विक्रांति, शेखर, सोनू अब हमको जान से मार देंगे।

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने भले ही इस मामले की जॉच बिठा दी हो लेकिन सवाल यह है कि आखिर इस तालिबानी सजा देने का हक संप्रेक्षण गृह के कर्मचारियों को किसने दिया ।



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Shashi kant gautam

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