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Mirzapur Kanshi Ram Memorial Scam: पत्थरों की खरीदारी में हुआ 1400 करोड़ का घोटाला

मिर्जापुर से जो पत्थर 150 रुपए की दर से ली गई थी। उसी पत्थर का मूल्य राजस्थान में 1890 रुपए प्रति घन फीट पहुंचा दिया गया। मिर्जापुर के गुलाबी पत्थर की कीमत राजस्थान पहुंचते ही 12 गुना बढ़ गई।

Brijendra Dubey
Written By Brijendra DubeyPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 1 July 2021 10:31 AM GMT
Mirzapur Kanshi Ram Memorial Scam: पत्थरों की खरीदारी में हुआ 1400 करोड़ का घोटाला
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Mirzapur Kanshi Ram Memorial Scam: लखनऊ में अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशी राम स्मारक, गौतम बुद्ध उपवन, इको पार्क, नोएडा में अंबेडकर पार्क बनाने की योजना बहुजन समाज पार्टी की सरकार में बनी। इसके लिए 42 सौ करोड़ रुपए बजट को मंजूरी दी गई। इसमें 14 सौ करोड़ रुपए का गोलमाल होना पाया गया है। प्रस्तावित स्मारक व उद्यान के लिए किन राज्यों से पत्थर मगाई जाएगी, इसके लिए कई महीने तक सेंड स्टोन के सैंपल अलग-अलग राज्यों व क्षेत्रों से मंगाया गए। इसमें मिर्जापुर के गुलाबी पत्थर को वरीयता दी गई। वह भी इसलिए कि गुलाबी पत्थर देखने में खूबसूरत और सस्ती है। लेकिन मिर्जापुर के अहरौरा का गुलाबी पत्थर राजस्थान जाकर बदनाम हो गया।

वर्ष 2007 जुलाई माह में जिले के गुलाबी पत्थर को फाइनल किया गया। उसे मंगाने के लिए अधिकारियों की बैठक हुई। इसके कार्य वृत्त में गुलाबी पत्थर की पर्याप्त मात्रा का उल्लेख किया गया। इसमें पट्टा धारकों से अनुबंध किए जाने कटिंग व फारविंग के लिए प्लांट स्थापित किए जाने के सुझाव दिए गए। लेकिन इस तरीके से गोलमाल नहीं हो सकते थे, तो अधिकारियों ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई यहीं से भ्रष्टाचार की रूपरेखा तैयार हो गई। मिर्जापुर के गुलाबी पत्थर को पहले राजस्थान भेजा जाएगा और फिर वहां से कटिंग व फारविंग होने के बाद उसे लखनऊ कार्यस्थल पर ले जाया जाएगा। इस तरह से भारी भरकम राशि का बजट तैयार किया गया और गबन की गुंजाइश बढ़ गई। मिर्जापुर से जो पत्थर 150 रुपए की दर से ली गई थी। उसी पत्थर का मूल्य राजस्थान में साइजिंग, फारविंग व परिवहन के बाद 1890 रुपए प्रति घन फीट पहुंचा दिया गया। मिर्जापुर के गुलाबी पत्थर की कीमत राजस्थान पहुंचते ही 12 गुना बढ़ गई। अगर यही साइजिंग, मोल्डिंग का कार्य मिर्जापुर या लखनऊ में होता तो घोटाला 14 सौ करोड़ तक नहीं पहुंचता।

बिना टेंडर के ही निर्धारित किया सेंड स्टोन का मूल्य

स्मारक घोटाले की जांच कर रही टीम का आरोप है कि बिना टेंडर किए ही गुलाबी पत्थर का दर मनमाने तरीके से निर्धारित कर दिया गया है। इसके लिए गठित समिति ने मनमाना रवैया अपनाते हुए बाजार भाव का सर्वे तक नहीं किया।

आंच की जद में आए छोटे आपूर्तिकर्ता

स्मारक घोटाले की जांच में कुछ ऐसे छोटे आपूर्तिकर्ता आए हुए हैं। जिन्हें कम राशि का भुगतान हुआ है। जांच टीम ने लगभग उन सभी आपूर्तिकर्ता को आरोपी बना दिया है जिन्हें स्मारक व उद्यान निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार का भुगतान हुआ है। सेंड स्टोन का मूल्य निर्धारण बसपा मंत्री व अधिकारियों ने किया। लेकिन उसका दंश छोटे आपूर्तिकर्ता झेलने को मजबूर हुए हैं।

मिर्जापुर से विजिलेंस ने दो लोगों को किया गिरफ्तार

किशोरीलाल बिंद जो पेशे से चरवाहा है, इनके ऊपर करोड़ों रुपये राजस्व चोरी का आरोप लगा है। बसपा शासन काल में हुआ था करोड़ों रुपए का स्मारक घोटाला जिस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हुयी है। किशोरीलाल आरोपी के बैंक खाते में सिर्फ 1380 रुपये मिले। भांजी की शादी के लिए ले रखे हैं बैंक से एक लाख का लोन। इनकी पत्नी ने बताया कि पति को लिखने पढ़ने तक नही आता है। कुछ पूंजीपतियों ने इनको लखनऊ ले जाकर इनके नाम से कागज बनवाकर करोड़ो रुपये के हाथी के पत्थर सप्लाई किए।

Pallavi Srivastava

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