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Mirzapur: विंध्यधाम शुद्धिकरण के भक्तों ने मटके में भरा गंगा का जल, किया देवी देवताओं का जलाभिषेक

Mirzapur: चैत्र नवरात्र के बाद आदिशक्ति विन्ध्याचल धाम का शुद्धिकरण वैसाख मास में गंगा जल से किया गया। घंटे-घडियाल, शंख, नगाड़ा व शहनाई की मधुर ध्वनि से पूरा विंध्यधाम गुंजायमान हो उठा।

Brijendra Dubey
Report Brijendra DubeyPublished By Deepak Kumar
Published on: 17 April 2022 3:39 PM IST
Devotees filled Ganga water in pot for Vindhya Dham purification
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घड़ों में गंगाजल भरकर मंदिर पहुंचे भक्त। 

Mirzapur: चैत्र नवरात्र के बाद आदिशक्ति विन्ध्याचल धाम का शुद्धिकरण वैसाख मास में गंगा जल से किया गया। घंटे-घडियाल, शंख, नगाड़ा व शहनाई की मधुर ध्वनि से पूरा विंध्यधाम गुंजायमान हो उठा। हजारो की संख्या में भक्त गंगा के पवित्र जल को घड़े में भर कर मंदिर के समस्त देवी देवताओं का अभिषेक कर निकासी में शामिल हुए। भक्तों ने मंदिर को धोने के साथ ही पूरे धाम की सफाई की, अर्ध रात्रि में दुष्ट आत्माओं को भगाने के लिए जहां देवी की आराधना की गई।

वहीं, नवरात्र में तंत्र साधना के दौरान आई तमाम योगिनी की विदाई सविधि पूजन अर्चना के साथ बलि चढ़ाकर की गई। मान्यता है कि मंदिर का शुद्धिकरण करने व भूत प्रेत व योगिनी की विदाई करने के लिए निकासी करने से दुष्ट आत्माओं से मुक्ति और आपदाओं से छुटकारा मिलता है।


माता विंध्यवासिनी की साधना से भूत- प्रेत का करते हैं आह्वान

विंध्य पर्वत के मणिदीप पर विराजमान आदिशक्ति माता विंध्यवासिनी का धाम आदिकाल से साधकों के लिए सिद्धपीठ रहा है। माता के दरबार में तंत्र - मन्त्र के साधक आकर साधना में लीन होकर माता रानी की कृपा पाते है। नवरात्र में प्रति दिन देश के कोने-कोने से भक्तों का तांता जगत जननी के दरबार में लगता है। साधना के दौरान साधक धाम में भूत- प्रेत, लंकिनी - डंकिनी व योगिनी का आह्वान करते हैं।


विन्ध्याचलवासी माता का गंगा जल से किया जाता है स्नान

मेला खत्म होने के बाद विन्ध्याचलवासी माता के धाम की गंगा जल से धुलाई करते है। अनादि काल से चली आ रही परम्परा के तहत भक्त घडा की पूजा करने के बाद गंगा स्नान करते है। इसके बाद घड़े को गंगा जल से भरकर माता के धाम की सफाई करते है। माता के धाम में आस्था से विभोर भक्तों का घडा के साथ ताँता लग जाता है। माता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। पूजा के बाद निकासी करके जहा दुष्ट आत्माओं का शमन किया जाता है वही योगिनी की विदाई भी की जाती हैं -

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Deepak Kumar

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