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Mirzapur News: एम्बुलेंस के बारे में नहीं थी जानकारी, मरीज को चारपाई पर ही लेटाकर अस्पताल ले गए परिजन

जानकारी के आभाव में शुक्रवार को मीरजापुर के लालगंज थाना क्षेत्र के तिलांव गांव में कुछ लोग मरीज के इलाज के लिए एम्बुलेंस से ले जाने के बजाय चारपाई (खटिया) पर ले जाते दिखे।

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Newstrack NetworkPublished By Ashiki
Published on: 12 Jun 2021 5:45 AM GMT
Mirzapur News
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मरीज को चारपाई पर ले जाते परिजन (फोटो-सोशल मीडिया)

मीरजापुर: ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को एंबुलेंस (Ambulance) से अस्पताल लाने की सुविधा दी गई है, लेकिन जब मरीज को उनके परिजन अस्पताल में या अस्पताल से घर चारपाई पर लेकर जाते हैं तो कई सवाल खड़े हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला यूपी के मीरजापुर (Mirzapur) में देखने को मिला, जहां जानकारी के आभाव में कल यानी शुक्रवार को जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के तिलांव गांव में कुछ लोग मरीज के इलाज के लिए एम्बुलेंस से ले जाने के बजाय चारपाई (खटिया) पर ले जाते दिखे।

जानकारी के मुताबिक गांव से स्वास्थ्य केंद्र आठ किलोमीटर दूर था और मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी। इसलिए स्थिति की गंभीरता को देखते हुए परिजनों ने लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्थान पर झोलाछाप के यहां ही मरीज को दिखाया। उन्हें एंबुलेंस सुविधा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और किसी के पास फोन भी नहीं था। इस दौरान ग्रामीण या पड़ोसी कोई भी उनकी मदद को आगे नहीं आया।

एंबुलेंस के बारे में नहीं थी जानकारी

बताया जा रहा है कि तिलांव गांव के निवासी सत्तू (42) की तबियत ख़राब हो गयी थी, जिन्हें परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य ले कर जाने लगे। इस दौरान अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली तो चारपाई पर ही घर से आठ किलोमीटर दूरी स्थित अस्पताल के लिए निकल पड़े। इस परिवार की इस मुसीबत का न तो गांव के ग्राम प्रधान ने संज्ञान लिया और न ही प्रशासन ने।

मदद के लिए भी कोई नहीं आया आगे

पेट दर्द से कराह रहे बीमार सत्तू को घरवाले आठ किलोमीटर की दूरी पर लालगंज अस्पताल तक जाने के लिए चारपाई से ही चल दिए। रास्ते में जितने भी राहगीर मिले, सभी लोग सहानुभूति जताते रहे लेकिन किसी ने मदद नहीं की। घरवाले आठ किलोमीटर दूर स्थित स्वास्थ्य केंद्र जा रहे थे पर मरीज की हालत बिगड़ने पर वे आसपास कोई आसरा तलाशने लगे। इसके बाद एक झोलाछाप के यहां इलाज कराने पहुंचे। पूछने पर परिजनों ने बताया कि मोबाइल फोन नहीं है और किसी ने एंबुलेंस के लिए फोन नहीं किया। यहां तक कि एंबुलेंस मुफ्त में सेवा देती है इस बात की भी जानकारी नहीं थी उन्हें।

Ashiki

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