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Mirzapur News: मां दुर्गा की नौवीं शक्ति सिद्धिदात्री, कृपा जिसे मिली वह सुख-समृद्धि का प्रतीक हो जायेगा

Mirzapur News: मां दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। वे सिद्धिदात्री, सिंह वाहिनी, चतुर्भुजा तथा प्रसन्नवदना हैं।

Brijendra Dubey
Report Brijendra DubeyPublished By Monika
Published on: 10 April 2022 9:36 AM IST
vindhyachal temple
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माँ सिद्धिदात्री

Mirzapur News: नवरात्र में माँ शक्ति के नौ रूपों की आराधना की जाती है। नवमी के दिन सकल सिद्धि को प्रदान करने वाली माँ की नौवीं शक्ति सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri) की पूजा अर्चना की जाती हैं। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व आठ प्रकार की सिद्धियां हैं। भक्त की भक्ति से प्रसन्न होकर माँ की कृपा जिसे मिल गई वह सुख और समृद्धि का प्रतीक हो गया। माँ सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं। इनकी आराधना के साथ ही नवरात्र व्रत का परायण होता है।

मां दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। वे सिद्धिदात्री, सिंह वाहिनी, चतुर्भुजा तथा प्रसन्नवदना हैं। मार्कंडेय पुराण में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व एवं वशित्व- ये आठ सिद्धियां बतलाई गई हैं। इन सभी सिद्धियों को देने वाली सिद्धिदात्री मां हैं। मां के दिव्य स्वरूप का ध्यान हमें अज्ञान, तमस, असंतोष आदि से निकालकर स्वाध्याय, उद्यम, उत्साह, क‌र्त्तव्यनिष्ठा की ओर ले जाता है और नैतिक व चारित्रिक रूप से सबल बनाता है। हमारी तृष्णाओं व वासनाओं को नियंत्रित करके हमारी अंतरात्मा को दिव्य पवित्रता से परिपूर्ण करते हुए हमें स्वयं पर विजय प्राप्त करने की शक्ति देता है।

भगवान शिव ने शक्तिस्वरूपा देवी की उपासना कर सिद्धियां प्राप्त की

देवी पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने इन्हीं शक्तिस्वरूपा देवी की उपासना करके सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं, जिसके प्रभाव से शिव जी का स्वरूप अर्द्ध नारीश्वर का हो गया था। नवरात्र के नौवें दिन भगवती के सिद्धिदात्री रूप की देव, यक्ष, किन्नर, दानव, ऋषि-मुनि आदि सभी आराधना करके अपने जीवन में यश, बल और धन की प्राप्ति करते हैं। यह देवी उन सभी को अष्ट सिद्धियां भी प्रदान करती हैं, जो सच्चे हृदय से उनकी आराधना करते हैं। नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा कर, जो भक्त नवाहन का प्रसाद और नवरस युक्त भोजन तथा नौ प्रकार के फल-फूल आदि मां को अर्पित कर नवरात्र का समापन करते हैं, उनको इस संसार में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती । शिव को सभी शक्तियां प्रदान करने वाली है सिद्धिदात्री माँ हैं । इन्ही के आशीर्वाद से भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर का रूप धारण किया था । माँ को 56 व्यंजनों का भोग लगाना चाहिए ।

धाम में आने पर मिलती है असीम शांति

सिद्धपीठ में देश के कोने-कोने से आने वाले भक्त माँ का दर्शन पाने के लिए आतुर रहते हैं । धाम में आने पर असीम शांति मिलती है, भक्तों की आस्था से प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देती है।

नवरात्र में माँ के अलग अलग रूपों की पूजा कर भक्त सभी कष्टों से छुटकारा पाते हैं । माता के किसी भी रूप का दर्शन करने मात्र से प्राणी के शरीर में नयी उर्जा, नया उत्साह व सदविचार का संचार होता है । अत: अपनी लौकिक, पारलौकिक उन्नति चाहने वालों को इनकी उपासना में सदैव तत्पर रहना चाहिए ।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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