Mirzapur News: बाणसागर नहर परियोजना से वनवासी किसानों की बदलेगी तकदीर

Mirzapur News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और प्रयागराज में बाणसागर नहर परियोजना से किसान मालामाल हो रहे हैं। जिस खेत में पहले खेती सूख जाती थी। आज किसान उस जमीन पर सोना उगा रहे हैं।

Brijendra Dubey
Published on: 9 Feb 2024 7:58 AM GMT
Mirzapur News
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Bansagar Canal Project source: Newstrack 

Mirzapur News: चार दशकों से लंबित बाणसागर सिंचाई परियोजना को प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित किए जाने के बाद अब मिर्ज़ापुर और प्रयागराज के किसानों व सूखाग्रस्त इलाकों की तस्वीर बदल गयी। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और प्रयागराज में बाणसागर नहर परियोजना से किसान मालामाल हो रहे हैं। जिस खेत में पहले खेती सूख जाती थी। आज किसान उस जमीन पर सोना उगा रहे हैं। बाणसागर नहर परियोजना से लाखों किसान अपने खेतों की सिंचाई कर रहें है। अच्छी खेती से किसानों की पैदावार में इजाफा भी हो रहा है। 2018 के पहले सिंचाई के अभाव में खेती सुख जाती थी, अब उस जमीन पर गेंहू, धान सरसों लहलहा रहे हैं। बाणसागर नहर परियोजना का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में किया था। तब से किसानों का फायदा हो रहा है।

क्या है बाणसागर नहर परियोजना

बाणसागर नहर परियोजना का शिलान्यास 1977 में मध्यप्रदेश के शहडोल में हुआ थी। सोन नदी से पानी लाकर मिर्जापुर के अदवा और जरगो बांध और प्रयागराज के मेजा बांध को नहरों के माध्यम से जोड़ने की योजना था। परियोजना 41 साल अटकी रही। मिर्जापुर, प्रयागराज किसानों ने उम्मीद ही छोड़ दी थी। किसानों को लगने लगा था कि अब यह परियोजना कभी पूरी नहीं होगी। मगर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब उद्घाटन किया किसानों की चेहरे पर खुशी आ गई। अब सोन नदी पर बने बांध से पानी 171 किलोमीटर लंबी नहर के माध्यम से मिर्जापुर के अदवा, मेजा और जरगो बांध में पानी पहुंचाया जा रहा है। फिर बांध से पानी को नहरों के जरिए किसानों के खेतों तक पंहुचाया जा रहा है।


Bansagar Canal Project source: Newstrack


विस्तारित प्रोजेक्ट का हुआ उद्घाटन

बाणसागर नहर परियोजना की शुरुआत 1977 में 222 करोड़ रुपये की लागत से की गई थी। इस बीच कई सरकारें आई और गई। सरकारों की उदासीनता से परियोजना अधर में लटकी रह गयी। परन्तु मोदी सरकार ने अधर में अटकी इस परियोजना को आगे बढ़ाया और 41 साल बाद पूरा करके दिखा दिया। मगर इस बीच परियोजना की लागत 3500 करोड़ रुपए तक पहुंच गयी। बाणसागर नहर परियोजना से अब किसानों को भरपूर मात्रा में पानी मिलना शुरू हो गया है। किसानों का कहना है कि पहले खेती सूख जाती थी पैदावार होती भी थी तो चना, मटर की मगर बाणसागर नहर का पानी मिल जाने से किसान धान, गेहूं के साथ अन्य फसल भी अच्छे से पैदा कर रहे हैं। किसानों की आमदनी में भी वृद्धि हुई है। अब यहां के किसान खुशहाल नजर आने लगे हैं।

Aakanksha Dixit

Aakanksha Dixit

Content Writer

नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

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