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Mirzapur News: करोड़ों के टोल प्लाजा घोटाले में इंजीनियर गिरफ्तार, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित परसौली विछोली का रहने वाला है सावन लाल
Mirzapur News Today: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित परसौली विछोली निवासी सावन लाल को शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि वह टोल प्लाजा पर फास्ट टैग प्रणाली से जुड़े राजस्व घोटाले में सक्रिय भूमिका निभा रहा था।
Mirzapur News in Hindi: मिर्जापुर, 120 करोड़ के टोल प्लाजा घोटाले में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हुआ गिरफ्तार, अतरैला शिव गुलाम टोल प्लाजा के 120 करोड़ रुपये के घोटाले में संलिप्त कंपनी के आईटी इंजीनियर सावन लाल कुम्हावत को एसटीएफ और लालगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
जानिए क्या है पूरा मामला
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित परसौली विछोली निवासी सावन लाल को शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि वह टोल प्लाजा पर फास्ट टैग प्रणाली से जुड़े राजस्व घोटाले में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। पुलिस ने बताया कि सावन लाल ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। एसटीएफ और पुलिस की टीम संयुक्त रूप से मामले की जांच कर रही है। जांच के दौरान कई संदिग्ध गतिविधियों और तकनीकी गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है, जिनमें सावन लाल की संलिप्तता पाई गई।घोटाले की जांच के कारण टोल प्लाजा पर काम करने वाले कर्मचारी डरे हुए हैं। फास्ट टैग और बैरियर सिस्टम से जुड़े कर्मचारी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बावजूद इसके वे अपनी ड्यूटी पर डटे हुए हैं। यह टोल प्लाजा देश के प्रमुख राजमार्गों में से एक पर स्थित है, जहां से दक्षिण भारत को पूर्वोत्तर राज्यों सहित नेपाल और भूटान तक भारी मालवाहक ट्रकों का आवागमन होता है।
घोटाले की जांच के चलते टोल प्लाजा के कई कार्यालय खाली पड़े हैं। हालांकि बैरियर खोलने और फास्ट टैग की देखरेख करने वाले कर्मचारी अपने काम पर बने हुए हैं। गिरफ्तार आईटी इंजीनियर को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है। एसटीएफ और पुलिस की टीमें मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और कर्मचारियों में विश्वास बहाल करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं । एसटीएफ की कार्रवाई के बाद टोल प्लाजा पर आए नए इंजिनियर ने बताया कि पूरे देश में 41 टोल प्लाजा पर घोटाला किया गया था, NHAI द्वारा दिए गए सॉफ्टवेयर को हटा कर दूसरे सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करते थे।