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Mirzapur News: आवास विकास भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसानों का जोरदार प्रदर्शन, किसान बोले जान दे देंगे, जमीन नहीं देंगे
Mirzapur News Today: मिर्जापुर जिले के धोरुपुर, भरूहना, मिश्र लहौली गांव के किसानों की जमीन भूमि विकास एवं गृह स्थान परियोजना हेतु, आवाज विकास प्राधिकरण के द्वारा भूमि अधिग्रहण करने के विरोध में किसानों ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया।
Farmers Protest Against Land Acquisition of Awas Vikas in Mirzapur
Mirzapur News Today: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के धोरुपुर, भरूहना, मिश्र लहौली गांव के सैकड़ों किसान भूमि अधिग्रहण के विरोध में धरना देने जिला मुख्यालय पहुंचे। सदर तहसील के धोरुपुर, भरूहना, मिश्र लहौली क्षेत्र में आवास विकास प्राधिकरण द्वारा गांव की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। आवास विकास प्राधिकरण की तरफ से किसानों को मुआवजे के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है। इससे किसान नाराज हैं और भूमि अधिग्रहण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
तीन गांव के किसान कर रहे है विरोध
मिर्जापुर जिले के धोरुपुर, भरूहना, मिश्र लहौली गांव के किसानों की जमीन भूमि विकास एवं गृह स्थान परियोजना हेतु, आवाज विकास प्राधिकरण के द्वारा भूमि अधिग्रहण करने के विरोध में किसानों ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने पत्रक के माध्यम से कहाकि," अधिग्रहण के लिए 2004 में किसानों को नोटिस दिया था, जिसके बाद अधिकारियों विकास प्राधिकरण और किसानों के बीच वार्ता हुई थी। इस वार्ता में किसानों ने जमीन देने से इंकार कर दिया था। उसके 10 साल बाद 2013 में किसानों और विकास प्राधिकरण तथा के साथ बैठक हुआ उसमें भी कोई हल नहीं निकला, बैठक में किसानों ने जमीन देने से इंकार कर दिया था क्योंकि उसी जमीन से किसानों का जीवीकोपार्जन चलता है।
छोटे छोटे रकबा के किसान है। किसानों का आरोप है कि जब हम शुरू से जमीन नहीं देने के लिए आवास विकास प्राधिकरण को मना कर रहे हैं, उसके बाद भी आवाज विकास प्राधिकरण 2024 में विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी वाराणसी के द्वारा मुआवजे की लिए किसानों को नोटिस भेज रहा है। हम किसान अपनी जमीन किसी को नहीं देंगे। महिला किसान गीता कहती है," आवास विकास प्राधिकरण हम किसानों को नोटिस दे रहा है जिसको लेकर हम काफी परेशान और दुखी हैं हम अपनी जान दे देंगे लेकिन अपनी जमीन किसी को नहीं देंगे,"। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह ने कहां की 20 वर्ष बाद मुआवजे की प्रक्रिया के तहत जबरजस्ती किसानों को नोटिस दिया जा रहा है, जो सरासर गलत है, जिस जमीन का अधिग्रहण किया जाना है, उन जमीन पर रिहायशी मकान बन चुके हैं बची भूमि पर किसान अपना खेती-बाड़ी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता है, उसके पास और कोई जीविकोपार्जन के संसाधन नहीं है किसानों के मर्जी के खिलाफ भूमि अधिग्रहण करना किसानों के साथ नहीं होगा।