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Mirzapur: ड्यूटी की मांग को लेकर DM से गुहार, PRD जवानों को साल में 8 महीने मिलती है ड्यूटी

Mirzapur News: पीआरडी जवानों का कहना है कि, लगातार अधिकारियों से ड्यूटी लगाने की मांग कर रहे हैं। इस कार्य की जगह कोई दूसरा काम भी नहीं है। परिवार का भरण-पोषण कैसे हो, चिंता बरक़रार है।

Brijendra Dubey
Published on: 8 Feb 2024 4:03 PM IST
Mirzapur News
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ड्यूटी की मांग को लेकर DM से गुहार (Social Media)

Mirzapur News: यूपी के मिर्जापुर जिले में प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जवानों ने ड्यूटी बढ़ाए जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। पीआरडी जवानों (UP PRD) का कहना है कि, 480 जवानों में से केवल 270 को ही साल भर में 8 महीने ड्यूटी मिलती है। शेष जवानों को कोई ड्यूटी नहीं मिलती। इस वजह से महंगाई के दौर में परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो रहा है। कई जवान तो उधार लेकर परिवार का पेट भरने को मजबूर हैं। पीआरडी जवानों का कहना है कि, जगह रिक्त होने के बावजूद ड्यूटी नहीं लगाई जाती है।

क्या है पीआरडी जवानों की समस्या?

मिर्जापुर जिला मुख्यालय पर ड्यूटी मांग को लेकर पहुंचे पीआरडी के जवानों ने जिलाधिकारी को मांग पत्र सौंपा, पीआरडी जवानों का कहना है कि महंगाई में बिना ड्यूटी के परिवार का भरण पोषण करना काफी मुश्किल हो रहा है जिले में कुल 480 पीआरडी जवान है पर केवल 270 जवानों को ही ड्यूटी मिलती है। लगभग 200 जवानों की ड्यूटी नहीं लग पाती है। इस कारण उनका परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो रहा है।

DM ने दिया था आश्वासन, फिर भी नहीं मिला काम

अक्टूबर माह में मिर्ज़ापुर जिलाधिकारी ने विंध्य कॉरिडोर (Vindhya Corridor) में ड्यूटी लगाने की बात कही थी, पर लगा नहीं। जवानों का आरोप है कि, जिनका जुगाड़ होता है उनकी लगातार ड्यूटी लगाई जाती है। शेष लोग बिना ड्यूटी के ही रह जाते हैं।

जिलाधिकारी से ड्यूटी की गुहार

पीआरडी जवानों का कहना है कि, लगातार अधिकारियों से ड्यूटी लगाने की मांग कर रहे हैं। इस कार्य की जगह कोई दूसरा काम भी नहीं है। परिवार का भरण-पोषण कैसे हो, चिंता बरक़रार है। जिस जवान की अधिकारियों से जान-पहचान होती है, उनकी ड्यूटी लगातार लगाई जाती है। जिलाधिकारी से ड्यूटी की गुहार लगाते हुए मांगपत्र दिए गए हैं। उम्मीद करते है कि हमारी मांग पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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