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Mirzapur News: मां विंध्यवासिनी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने दिया इस्तीफा

Mirzapur News: डॉ. आरबी कमल अपने पुराने तैनाती स्थल मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के आचार्य एवं विभाग अध्यक्ष फिजियोलॉजी विभाग के पद पर वापस किए जाने का अनुरोध किया है।

Brijendra Dubey
Published on: 1 July 2024 9:50 PM IST
Mirzapur News
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Mirzapur News (Pic: Newstrack)

Mirzapur News: उत्तर प्रदेश का मिर्जापुर जनपद आदिवासी बहुल इलाका माना जाता है। जनपद के मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय कॉलेज के प्राचार्य डॉ.आरबी कमल ने जनपद के लिए ऐतिहासिक काम किया। जिसकी जितनी सराहना की जाय वह नाकाफी होगा। मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य ने निजी कारण का हवाला देकर त्यागपत्र दे दिया। कई दिनों से उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था। जिस वजह से प्रधानाचार्य आर बी कमल ने पारिवारिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय मिर्जापुर से त्यागपत्र दे दिया है।

डॉ. आरबी कमल अपने पुराने तैनाती स्थल मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के आचार्य एवं विभाग अध्यक्ष फिजियोलॉजी विभाग के पद पर वापस किए जाने का अनुरोध किया है। विश्वजीत दास आचार्य मेडिकल कॉलेज के नए प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी संभालेंगे। विश्वजीत दास काफी सुलझे हुए व्यक्तित्व के माने जाते हैं और विभाग में तालमेल बनाकर काम करने वाले व्यक्ति माने जाते हैं।

प्रधानाचार्य ने आदिवासी बहुल इलाके के लिए किया काम

मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय मिर्जापुर के प्राचार्य डॉ आरबी कमल को मिर्जापुर जिले में तैनाती मिली तो उन्होंने मिर्जापुर के गरीब आदिवासी जनता के लिए ट्रामा सेंटर को शुरू किया। ट्रामा सेंटर में अच्छे डॉक्टरों की तैनाती किए। 10 बेड की इमरजेंसी को 30 बेड की बनाने का काम किया। जहां एक वक्त था मरीज को बाहर से जांच करवानी पड़ती थी, वहीं जांच के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों के साथ पैथोलॉजी की स्थापना किए।

मिर्जापुर जिला आदिवासी बहुल इलाका है। गरीब तबका इलाज कराने के लिए मंडली चिकित्सालय में मुफ्त जांच के साथ चिकित्साकीय सुविधा का लाभ ले रहा है। एक्स-रे व सीटी स्कैन की सुविधा मंडलीय चिकित्सालय में उपलब्ध है, एक्स-रे की शुरुआत हो चुकी है सीटी स्कैन की शुरुआत होनी है। डेंगू के समय जहां मरीजों को जगह नहीं मिल रही थी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने हाथ खड़ा कर दिया था, वहीं डॉ आरबी कमल ने जी तोड़ मेहनत कर 130 बेड बढ़ाया जिसके बाद डेंगू के मरीजों को काफी सहूलियत मिली।



Durgesh Sharma

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