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Mirzapur News: लेखपाल संघ विजलेंस और एंटी करप्शन टीम के खिलाफ प्रदर्शन, दो पक्षों के विवाद में फसता है लेखपाल
Mirzapur News Today: यूपी के मिर्जापुर जनपद के लालगंज तहसील के लेखपाल उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के तत्वाधान में तहसील लालगंज में विजिलेंस और एंटी करप्शन टीम के खिलाफ लेखपाल प्रदर्शन कर रहे है।
Mirzapur News in Hindi: मिर्जापुर, लालगंज तहसील में विजलेंस और एंटी करप्शन टीम के खिलाफ लेखपाल प्रदर्शन प्रदर्शन कर रहे है। लेखपालों को आए दिन एंटी करप्शन टीम द्वारा प्रदेश भर में कहीं ना कहीं टाइप किया जा रहा है इसके विरोध में लेखपालों का प्रदेशव्यापी आंदोलन चल रहा है। लेखपालों का आरोप है कि साजिशन झूठा फंसाये जाने की नीयत से साधारण शिकायत के आधार पर एण्टी करप्शन और विजिलेन्स टीम जबरदस्ती ट्रैप की कार्यवाही की जा रही है। लेखपालों की मांग है कि इस कार्रवाई पर रोक लगाया जाय। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के लेखपालों ने मुख्यमंत्री संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा।
दो पक्षों के विवाद में फसता है लेखपाल
यूपी के मिर्जापुर जनपद के लालगंज तहसील के लेखपाल उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के तत्वाधान में तहसील लालगंज में विजिलेंस और एंटी करप्शन टीम के खिलाफ लेखपाल प्रदर्शन कर रहे है। लेखपालों ने मुख्यमंत्री संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा। लेखपालों ने पत्रक के माध्यम गंभीर आरोप लगाया है पत्रक के माध्यम से कहाकि," लेखपाल विभाग का फील्ड कर्मचारी है जिसका सम्बन्ध जनता से सीधे होता है।
जनता की भूमि विवाद सहित अधिकांश समस्याओं से सम्बन्धित निस्तारण हेतु लेखपाल के पास ही आते हैं। दो पक्षों के विवाद के निस्तारण सम्बन्धी की गयी कार्यवाही से किसी एक पक्ष का असंतुष्ट होना स्वाभाविक है। पंचायत विकास विभाग की योजनाओं हेतु भूमि उपलब्ध कराने एवं अवैध अतिक्रमण की स्थिति में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही से भी प्रभावित व्यक्तियों के परिवार लेखपाल से दुश्मनी ठान लेता है, लेखपाल को क्षेत्र की राजनीति में घसीटने का भी प्रयास किया जाता है। इस प्रकार विधि विरूद्ध कार्य कराने में असफल एवं विविध कारणों से असंतुष्ट व्यक्ति लेखपालों के खिलाफ साजिश करके एण्टी करप्शन टीम द्वारा पकड़वाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।
लेखपालों को फ़साने के लिए की जाती है प्लानिंग
एण्टी करप्शन कार्यालय के द्वारा सामान्य शिकायत के आधार पर वास्तविक तथ्यों का परीक्षण किए बगैर शिकायतकर्ता को उकसाकर स्वयं बोल बोल कर शिकायती प्रार्थनापत्र लिखवाया जाता है, प्री ट्रैप जांच की कागजी औपचारिकता कर उसी दिन अथवा अगले दिन लेखपाल को फंसाने का प्रयास करके गिरफ्तार कर लिया जाता है। अधिकांश प्रकरणों में शिकायत पत्र में कार्य से संबंधित लेखपाल और रिश्वत का नाम नहीं होता है और न ही लेखपाल द्वारा कोई रिश्वत की मांग की गयी होती है। लेखपाल को सामने मिलने पर शिकायतकर्ता द्वारा जबरन उसकी जेब, हाथ, वाहन, कक्ष में पैसा रख दिया जाता है। टीम लेखपाल को जबरन पकड़कर लेखपाल के हाथ में पैसा रखवाकर अथवा पाउडर लगाकर अथवा अपने पाउडर लगे हाथ से लेखपाल का हाथ पकड़कर, पानी के गिलास में घुलवाये जाते है।