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Mirzapur News: विंध्याचल में मालिनी अवस्थी ने नाती राम और पोती अहिल्या का कराया मुंडन संस्कार, बोलीं- मेरा मुंडन भी यहीं हुआ था
Mirzapur News: विंध्याचल धाम में पहुंची पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित लोकगीत गायिका मालिनी अवस्थी ने आदिशक्ति माता विंध्यवासिनी का पूरे परिवार बेटी, दामाद और समधि के साथ दर्शन पूजन किया।
विंध्याचल में मालिनी अवस्थी ने नाती राम और पोती अहिल्या का कराया मुंडन संस्कार, बोलीं- मेरा मुंडन भी यहीं हुआ था: Video- Newstrack
Mirzapur News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के विंध्याचल धाम में पहुंची लोकगीत गायिका मालिनी अवस्थी ने पात्रों के बीच कंबल एवं मिष्ठान का वितरण किया। मालिनी अवस्थी पति अवनीश अवस्थी के साथ ही पूरे परिवार के साथ अपने नाती राम और पोती अहिल्या के मुंडन के अवसर पर सपरिवार आदि शक्ति के धाम में पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि माता विंध्यवासिनी के धाम में ही परिवार के बच्चों का मुंडन संस्कार होता रहा है। मेरा भी मुंडन मां के धाम में ही हुआ है।
सपरिवार मुंडन संस्कार कराने पहुंची थीं
यूपी के मिर्जापुर जिले के विंध्याचल धाम में पहुंची पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित लोकगीत गायिका मालिनी अवस्थी ने आदिशक्ति माता विंध्यवासिनी का पूरे परिवार बेटी, दामाद और समधि के साथ दर्शन पूजन किया। माता के धाम में हर वर्ष गीतों की स्वरांजलि अर्पित करने वाली मालिनी अवस्थी ने पत्र पुष्प अर्पित कर नमन किया। बताया कि माता विंध्यवासिनी की कृपा से आज हमारे नाती राम और पोती अहिल्या का मुंडन संस्कार हुआ है। हमारे परिवार में विंध्याचल धाम में ही मुंडन होता रहा है। हमारा भी मुंडन मां के धाम में ही हुआ था। हमारे बच्चों का हुआ, अब उनके बच्चों का मुंडन संस्कार कराया गया है।
मालिनी अवस्थी ने कंबल और मिष्ठान का वितरण किया
इस अवसर पर मालिनी अवस्थी ने कड़ाके की ठंड को देखते हुए पात्रों के बीच कंबल और मिष्ठान का वितरण किया। लोकगीत गायिका के आगमन और मुंडन के अवसर पर स्थानीय वादकों ने शहनाई, ढोल और नगाड़ा बजाया। मुंडन संस्कार के दौरान मालिनी अवस्थी ने देवी गीत गाकर नातियों का मुंडन संस्कार करवाया। मालिनी अवस्थी मिर्जापुर अक्सर आती रहती हैं। कजली और अन्य पर्वों पर आकर विंध्याचल में अपनी प्रस्तुति देती रहती हैं। मालिनी अवस्थी फिलहाल चुनार महोत्सव में आकर पूरे कजली गीत गाकर लोगों को मोहित कर लिया था। विधि विधान से मुंडन संस्कार के बाद मालिनी अवस्थी अपने गंतव्य को रवाना हुई।