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यूपी में फ़ैल रही भ्रामक सूचनाएं, जांच के लिए फैक्ट चेक पर चर्चा

डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग एवं डाटा लीडस् संस्था, नई दिल्ली के संयुक्त संयोजन में फैक्ट एंड फिट के तहत ''स्वास्थ्य सम्बन्धी भ्रामक सूचनाओं की जांच के लिए फैक्ट चेक'' विषय पर आज 20 सितम्बर, को कार्यशाला आयोजित हुई।

Newstrack
Published on: 20 Sep 2020 1:05 PM GMT
यूपी में फ़ैल रही भ्रामक सूचनाएं, जांच के लिए फैक्ट चेक पर चर्चा
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यूपी में फ़ैल रही भ्रामक सूचनाएं, जांच के लिए फैक्ट चेक पर चर्चा (social media)

अयोध्या: डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग एवं डाटा लीडस् संस्था, नई दिल्ली के संयुक्त संयोजन में फैक्ट एंड फिट के तहत ''स्वास्थ्य सम्बन्धी भ्रामक सूचनाओं की जांच के लिए फैक्ट चेक'' विषय पर आज 20 सितम्बर, को कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता प्रधान वैज्ञानिक, विज्ञान प्रसार, नई दिल्ली के डॉ. निमिष कपूर ने बताया कि आज स्वास्थ्य सम्बन्धी शोध पत्रों, विशेष रूप से कोविड-19 से जुड़े शोध पर रिपोर्टिंग के लिए पत्रकारों को सावधानी बरतने की जरुरत है। देशभर में कोविड व उसकी वेक्सीन से जुड़े शोध हो रहे हैं इस तरह के शोध पर रिपोर्टिंग करना जल्दबाजी होगी। उन्होंने बताया कि शोध की रिपोर्टिंग करने से पूर्व शोध पत्रिका का इम्पैक्ट फैक्टर, शोध-पत्र की जांच करना अति आवश्यक है।

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समय-समय पर रेण्डमाइज क्लीनिकल ट्रायल की जांच भी करनी जरूरी है

समय-समय पर रेण्डमाइज क्लीनिकल ट्रायल की जांच भी करनी जरूरी है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने एक आयुर्वेदिक औषधि को कोविड की औषधि मानने से इंकार कर दिया था और उसे रोग-प्रतिरोधी औषधि के रूप में स्वीकृत किया था। डॉ. निमिष ने प्रतिभागियों को फैक्ट चेकिंग में हेल्थ एनालिसिस एशिया, बूम लाइव, आल्ट न्यूज एवं विश्वास न्यूज से सत्यापन में सहायता करते है। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य सम्बन्धी झूठी जानकारियों, अफवाहों, भ्रामक व तोड़-मोड़ के बनाई गई खबरों, फोटो, वीडियो और स्रोत की जांच के लिए गूगल रिवर्स इमेज सर्च, इनविद सॉफ्टवेयर सहित कई टूल्स का प्रयोग करते हुए पीपीटी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया। छात्रों के प्रश्नों व जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।

Ram-manohar-lohiya video conferencing (social media)

विभाग के समन्वयक व कार्यशाला के संयोजक डॉ. विजयेन्दु चतुर्वेदी ने संचालन करते हुए बताया कि कोविड-19 की वजह से सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों में भ्रामक सूचनाओं एवं खबरों की भरमार हो गई है। आज कौन सी खबर सही है कौन सी नही इसे पहचानना हम सभी के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। इस कार्यशाला का प्रयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह के मार्गदर्शन में पत्रकारिता के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण कराना है। इस कार्यशाला में गूगल न्यूज इनिशिएटिव इंडिया के विश्व-व्यापी फैक्ट चेक कार्यक्रम फैक्ट एंड फिट, हेल्थ फैक्ट चेकिंग इंडिया ट्रेनिंग नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन फैक्ट चेक टूल्स पर प्रशिक्षण दिया गया।

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Ram-manohar-lohiya video conferencing (social media)

कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ. राजेश सिंह कुशवाहा ने कहा

कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ. राजेश सिंह कुशवाहा ने अतिथि के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए स्वास्थ्य सम्बन्धी फैक्ट चेक एवं वैज्ञानिक रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर बल दिया। इस आपदा में खबरों की विश्वसनीयता बनाये रखना जरूरी है। भ्रामक खबरों से बचने की सलाह दी। कार्यशाला में सहसंयोजक डॉ. आर.एन. पाण्डेय एवं डॉ. अनिल विश्वा सहित विभाग की छात्र-छात्राएं ऑनलाइन जुड़े रहे।

रिपोर्टर- नाथ बख्श सिंह

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