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Prayagraj News: नेहा के सिर पर सजा मिसेज इंडिया का ताज, पति के सपने को ऐसे किया पूरा
Prayagraj News: जिंदगी में सब कुछ हाथ से छूट जाए... वक्त बद से बदतर हो जाए ... लेकिन हालातों के सामने झुकना नहीं है... कुछ ऐसी ही कहानी है प्रयागराज की रहने वाली मिसेज इंडिया नेहा खरे की।
Prayagraj News: जिंदगी में सब कुछ हाथ से छूट जाए... वक्त बद से बदतर आ जाए ... लेकिन हालातों के सामने झुकना नहीं है... कुछ ऐसी ही कहानी है प्रयागराज की रहने वाली नेहा खरे की.. जिन्होने कोरोना काल में वो दंश झेला जिससे मार खाकर शायद ही कोई उबर पाए... लेकिन नेहा ने जिंदगी के जख्मों को कभी नासूर नहीं बनने दिया... और इसी हिम्मत से वो आगे बढ़ती गईं... अपने बच्चों की खातिर.... और अब उन्हे मिसिज इंडिया का पद हासिल हुआ है...
नेहा ने ऐसे हासिल किया मिसेज इंडिया का खिताब
तो अब चलते हैं फ्लैशबैक की तरफ और जानते हैं कि, किस तरह से नेहा के मन में ये ख्याल आया और ऐसा क्या हुआ था उनकी जिंदगी में जिसने उन्हे बुरी तरह तोड़ दिया... दरअसल, नेहा की शादी अमरेश खरे से साल 2004 में हुई थी.. दोनों अपनी जिंदगी बेहद खुशी से बिता रहे थे... ईश्वर ने भी दोनों की तीन खूबसूरत तोहफों से नवाजा था... इन खूबसूरत तोहफे में एक बेटी और दो बेटे हैं... खैर वक्त बीतता रहा जिंदगी में थोड़े बहुत उतार चढ़ाव आए लेकिन दोनों ने बखूबी सब कुछ संभाल लिया.... और धीरे धीरे वक्त आया 2020 से 21 का वही काल जब आप और हम सब एक बीमारी से लड़ रहे थे... जीहां हम बात कर रहे हैं कोरना की... जिसमें कई लोगों के परिवार टूट गए... कई अनाथ हो गए... कई अकेले रह गए... इन्ही अकेलों की भीड़ में एक नेहा भी थीं... जिन्होने इस दौरान अपने सबसे खूबसूरत साथ को खो दिया... और दुनिया की भीड़ में वो अपने तीन बच्चों के साथ अकेली रह गई... इसके बाद शुरू हुई उनकी असली अग्नी परीक्षा... वहीं पति की मौत के बाद उनके भाई भी मौत के आगोश में समा गए... वो भी कोरोना से जूझते हुए इस दुनिया को अलविदा कह गए... और नेहा के ऊपर जिम्मेदारी दुगनी हो गई... खैर अमरेश के जाने के बाद उनकी नौकरी नेहा को मिल गई... लेकिन नेहा सब कुछ करके भी हालातों से जीत नहीं पा रही थी... हालांकि, अपने बच्चों की खातिर उन्होने दुनिया भर की हिम्मत जुटा दी... और इस बीच उन्हे मिस इंडिया के पार्सिटसिपेट के लिए ऐक फॉर्म दिखाई दिया, उन्होने उसे भर दिया... और उन्हे वो मिला जिसकी शायद उन्होने कल्पना भी नहीं की थी.
सब कुछ खो दें लेकिन इसे मत खोने दें - नेहा
और अब नेहा को ये मुकाम पाने के बाद एक बात की खुशी है.. कि, आज उन्होने वो कर दिखाया जो उनके पति चाहते थे... दरअसल, नेहा के पति चाहते थे कि, नेहा कुछ ऐसा करें जिससे उनका नाम हो... अपने जीते जी भी उन्होने नेहा को बहुत प्रोत्साहित किया... लेकिन नेहा की जिंदगी में बस यादों का ही साथ रह गया तब उन्होने अपने पति की इस इच्छा को सच कर दिखाने के लिए कोशिशे शुरू कर दीं... साथ ही उनका कहना है कि, लड़की के जीवन में कई वक्त आते हैं जब वो जीती हैं टूटती हैं और खोती हैं... लेकिन उनका कहना है कि, आप अपनी जिंदगी की कीमती से कीमती चीज खो दो लेकिन अपनी हिम्मत मत खोने दो.. लड़कियों को जीना सीखना चाहिये...
बहुत मुश्किल दौर से गुजरी है नेहा की जिंदगी
वहीं नेहा की इस कामयाबी से उनके परिजन बी बेहद खुश हैं अगर बात करें उनकी मां की तो उनका कहना है कि, खुशी हो रही हैं अपनी बेटी को आगे बढ़ता देख... उनका कहना है कि, बीते 2 सालों से उन्होने सिर्फ मुश्किलें ही झेली हैं.. पहले बेटी का सुहाग उजड़ा फिर बेटे को कोरोना ने निगल लिया... हालात बहुत खराब हो गए थे.. लेकिन उनकी बेटी ने हार नहीं मानी वो अपने परिवार और अपने मायके दोनों को साथ लेकर चली...
तो ये थी नेहा की की कहानी शायद जो हालात नेहा ने देखे उनमें हर कोई टूट जाए टूटना लाजमी भी है लेकिन बिखरने के बाद फिर संभलना ही जिंदगी है... शायद किसी ने सच ही कहा है जिंदगी है तो जीनी तो पड़गी चाहे रोकर चाहे हंसकर लेकिन चुनाव आपका है आप किसे चुनते हैं