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Mission 2022: यूपी में असरहीन एनसीपी भी अब छोटे दलों की चुनावी दौड़ में शामिल

UP में भले ही सपा के साथ एनसीपी ने गठबन्धन का एलान किया हो पर सच्चाई यह है कि पार्टी का इस प्रदेश में कोई जनाधार नहीं है

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Ashiki
Published on: 28 July 2021 9:54 AM GMT
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Photo- Social Media)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव के पहले भले ही मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ महाराष्ट्र की एनसीपी (NCP) यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने गठबन्धन का एलान किया हो पर सच्चाई यह है कि पार्टी का इस प्रदेश में कोई जनाधार नहीं है।

इससे पहले दूसरे राज्यों के अन्य छोटे दलों की तरह ही पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद पवार की एनसीपी अपना जनाधार बनाने की कोशिश कर चुकी है। इसके लिए उन्होने कांग्रेस से नाराज नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया। कांग्रेस के पुराने नेता फजले मसूद को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया पर पार्टी की कमजोरी के चलते कुछ साल बाद वह फिर कांग्रेस में लौट गए। कई प्रदेश अध्यक्ष भी बदले गए पर पार्टी का प्रभाव नहीं बढ़ सका।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री शरद पवार (Sharad Pawar) ने 2012 के यूपी विधानसभा चुनावमें 127 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे, लेकिन जिनमें से एक पर विजय मिली बाकी 126 जगहों पर उसके प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी। इसी चुनाव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी एक प्रयोग किया और तृणमूल कांग्रेस के 145 उम्मीदवारों को उतारा जिनमें 144 की जमानत जब्त हो गयी। जबकि सीपीएम ने 17 प्रत्याशी उतारे तो 16 अपनी जमानत गवां बैठे। इसी तरह लोकजनशक्ति पार्टी के इस चुनाव में 212 प्रत्याशी उतरे और सभी अपनी जमानत गवां बैठै। जबकि नीतिश के जनता दल के सभी 219 तथा लालू यादव के राजद के सभी चार प्रत्याशियों को अपनी जमानत से हाथ धोना पड़ा।


पिछले लोकसभा चुनाव में भी एनसीपी ने इस प्रदेश में अपनी जडे जमाने की काफी कोशिश की पर वो पूरी तरह से असफल रही। इसके लिए पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने भी लखनऊ का दौरा किया पा पार्टी अपना जनाधार बढाने में नाकामयाब रही। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केके शर्मा का मनाना है कि कि अगले वर्ष उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए सभी विपक्षी दलों को मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की अगुआई में मोर्चा बनाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इसके लिए एनसीपी की ओर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. हम महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की तरह उत्तर प्रदेश में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए प्रयासरत हैं। यहां पर समाजवादी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे और भाजपा को रोकेंगे। हांलाकि अभी दोनों दलोके बीच औपचारिक तौर पर गठबन्धन का न तो एलान हुआ और न ही सीटों का बंटवारा हुआ है। पर सच्चाई यह है कि एनसीपी की यूपी में कोई खास पकड़ नहीं है।

Ashiki

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