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बीजेपी MLA के भाई ने दी, मुख्यमंत्री योगी को सरेआम गाली, जानिए क्या है मामला
योगी आदित्यनाथ को विधायक के भाई ने गालियां दी है। इसका ऑडियो-वीडियो वायरल हो गया है। अवैध मिट्टी खनन का विरोध करने पर मारहरा विधायक के भाई किसानों से उलझ गए। किसानों ने नदी का किनारा और ग्राम समाज की जमीन की मिट्टी कटान करने का विरोध किया तो विधायक के भाई आपा खो बैठे।
एटा : योगी आदित्यनाथ को विधायक के भाई ने गालियां दी है। इसका ऑडियो-वीडियो वायरल हो गया है। अवैध मिट्टी खनन का विरोध करने पर मारहरा विधायक के भाई किसानों से उलझ गए। किसानों ने नदी का किनारा और ग्राम समाज की जमीन की मिट्टी कटान करने का विरोध किया तो विधायक के भाई आपा खो बैठे। बताया गया कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गालियां दी। इसका ऑडियो-वीडियो वायरल हो गया है।
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भाजपा विधायक के भाई
मारहरा से भाजपा विधायक वीरेंद्र सिंह वर्मा के भाई रवेंद्र वर्मा के वायरल ऑडियो-वीडियो में किसान उनके सामने नदी के किनारे और अंबरपुर बढ़ैरा ग्राम पंचायत से मिट्टी खनन का विरोध कर रहे हैं। तभी मुख्यमंत्री को लेकर बात शुरू हुई तो विधायक के भाई को सीएम योगी को गालियां देते हुए बताया जा रहा है। वह योगी को दोबारा सीएम नहीं बनने तक की बात कहते बताए जा रहे हैं।
वीरेंद्र सिंह लोधी, विधायक ने कहा कि मारहरा विधायक के भाई को पीएनसी कंपनी ने मिट्टी डालने का ठेका दिया है। विधायक अपने भाई से एटा बाईपास और हाईवे के लिए मिट्टी डालवा रहे हैं। यह बात वीडियो और ऑडियो से सामने आ रही है और विधायक के भाई इस बात को कबूल भी कर रहे हैं।अवैध खनन करने जैसी कोई बात नहीं है, सरकारी प्रोजेक्ट के लिए मिट्टी जा रही है। भाई ने माननीय योगी जी को गालियां दी हैं, तो गलत है, ऐसा नहीं होना चाहिए।
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इस मामले में संदीप जैन, जिलाध्यक्ष भाजपा -मैंने पूरा ऑडियो सुना और वीडियो देखा है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति जिस तरह अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है यह निंदनीय है, वह इसकी शिकायत भाजपा हाईकमान को करेंगे और संबंधित पक्षों से भी जवाब मांगेंगे कि आखिर उन्होंने इस तरह की भाषा का उपयोग मुख्यमंत्री के लिए कैसे किया।
केंद्र और राज्य में हमारी सत्ता है, हम ही अपने परिवार और मुख्यमंत्री के खिलाफ कैसे बोल सकते हैं, यह सोचने की बात है। केवल मिट्टी खनन का विवाद था, हम मौके पर गए थे, वहां किसानों और पीएनसी कर्मियों को आ रही समस्याओं को सुना गया। पीएनसी का कोई ठेका मेरे नाम नहीं है। वह इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कभी नहीं कसते हैं।