TRENDING TAGS :
Varanasi: इस सीट को लेकर भाजपा में छिड़ी महाभारत, पार्टी प्रत्याशी का अपनों पर बड़ा आरोप
Varanasi News: सुदामा पटेल ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा के ही कुछ लोग माफिया बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह को जिताने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
Varanasi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एमएलसी चुनाव को लेकर भाजपा में ही महाभारत छिड़ गई है। वाराणसी सीट पर भाजपा ने नामांकन के आखिरी दिन सुदामा पटेल को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। आनन-फानन में आखिरी दिन नामांकन दाखिल करने वाले सुदामा पटेल (Sudama Patel) को इस चुनाव में अपनी पार्टी के ही लोगों से शिकवा शिकायत है। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा के ही कुछ लोग माफिया बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह (Brijesh Singh's wife Annapurna Singh) को जिताने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने अभी एक दिन पहले ही पूरे प्रदेश के लोगों से बातचीत करके भाजपा के एमएलसी प्रत्याशियों (MLC Election) को जिताने के लिए पूरा दमखम लगाने की अपील की थी मगर सुदामा पटेल का कहना है कि उन्हें अपनी ही पार्टी के लोगों का सहयोग नहीं मिल रहा है। उनका कहना है कि वे इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक अपनी शिकायत पहुंचाएंगे।
बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा भी हैं प्रत्याशी
वर्ष 2016 के एमएलसी चुनाव में वाराणसी सीट से बृजेश सिंह ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता था। सेंट्रल जेल में बंद एमएलसी बृजेश सिंह ने इस बार फिर निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह का नामांकन भी दाखिल कराया था। नाम वापसी के आखिरी दिन बृजेश सिंह ने इस सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया था मगर अन्नपूर्णा सिंह चुनाव मैदान में डटी हुई हैं। पत्नी को चुनाव जिताने के लिए बृजेश सिंह से जुड़े लोगों ने पूरी ताकत लगा रखी है।
बृजेश सिंह के साथ एक दिलचस्प बात यह भी है कि जब 2016 में चुनाव मैदान में उतरे थे तो भाजपा ने उनके खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारा था और उन्हें समर्थन दिया था। भाजपा के समर्थन और अपनी ताकत के बल पर बृजेश सिंह 2016 में एमएलसी बनने में कामयाब हुए थे। इस बार फिर वे अपनी पत्नी को चुनाव जीता कर ताकत दिखाना चाहते हैं।
लंबे समय से बृजेश के परिवार का दबदबा
वाराणसी की एमएलसी सीट पर दो दशक से ज्यादा समय से माफिया बृजेश सिंह और उनके परिवार का दबदबा रहा है। पिछली बार बृजेश सिंह ने यहां खुद चुनाव जीता था जबकि उनके पहले उनकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह इस सीट से एमएलसी चुनी गई थीं। अन्नपूर्णा सिंह से पहले चुलबुल सिंह दो बार इस सीट से एमएलसी रहे हैं। इस बार फिर बृजेश सिंह ने अपनी पत्नी अन्नपूर्णा को चुनाव मैदान में उतारकर इस सीट पर कब्जा बनाए रखने की रणनीति बनाई है।
एक और उल्लेखनीय बात यह है कि बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह मौजूदा समय में भाजपा विधायक हैं। इस बार भी उन्हें चंदौली की सैयदराजा सीट पर जीत हासिल हुई है। भाजपा प्रत्याशी सुदामा पटेल ने अपने आरोप में किसी का नाम तो नहीं लिया है मगर उनका कहना है कि पार्टी के ही कुछ लोग अन्नपूर्णा सिंह को जिताने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उनका इशारा साफ तौर पर समझा जा सकता है।
पार्टी के लोगों का नहीं मिल रहा सहयोग
एक चैनल से बातचीत के दौरान भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने का कारण वाराणसी का चुनाव भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यहां के चुनाव से पीएम मोदी की प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है। फिर भी भाजपा के कुछ लोग भितरघात का खेल खेलने में जुटे हुए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के ही कुछ लोग अन्नपूर्णा सिंह के साथ चुनाव प्रचार में घूम रहे हैं और उन्हें ही असली भाजपा प्रत्याशी बता रहे हैं। अपराध जगत में दबदबे के कारण बृजेश सिंह ने यहां अपना साम्राज्य कायम किया हुआ है। वे इस समय वाराणसी के सेंट्रल जेल में ही बंद है और इस कारण यहां डर का माहौल दिख रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बृजेश सिंह पैसा बांटकर एमएलसी बनते रहे हैं मगर इस बार हम लोग स्वच्छ छवि के दम पर चुनाव मैदान में उतरे हैं।
भाजपा विधायक सुशील सिंह की सफाई
इस बीच बृजेश सिंह के भतीजे और भाजपा विधायक सुशील सिंह ने चैनल से बातचीत में कहा कि पार्टी के निर्देश के मुताबिक ही प्रत्याशी को भाजपा कार्यकर्ता जिताने में जुटे हैं उनके। उन्होंने खुद को भाजपा का सिपाही बताते हुए कहा कि पार्टी की ओर से जो भी निर्देश होगा, उसका पूरी तरह पालन किया जाएगा। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सभी को यह बात पता है कि एमएलसी के चुनाव में हार और जीत कैसे होती है।
पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण वाराणसी के चुनावी नतीजे पर हर किसी की निगाह लगी हुई है और माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दो दिवसीय वाराणसी दौरे के समय भी यह मुद्दा जोरदार ढंग से उठेगा।