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यूपी कैबिनेट का फैसला: माडल शाप के अंदर पी सकेंगे 'शाम की दवा'

Rishi
Published on: 17 Jan 2018 3:16 PM GMT
यूपी कैबिनेट का फैसला: माडल शाप के अंदर पी सकेंगे शाम की दवा
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लखनऊ : अब यूपी में लोग माडल शाप के अंदर शराब पी सकेंगे। इसके लिए संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम 1990 की धारा 24 क में संशोधन किया गया है। कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि इसके अनुसार प्रदेश में कुल 385 माडल शाप बने हैं। इन माडल शाप के अंदर शराब पीने की व्यवस्था को कोर्ट में चैलेंज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि इसमें संशोधन होना चाहिए। इसको देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।

इन 24 जिलों में बनेंगी लोक अदालतें

बैठक में 24 जिलों में लोक अदालत की स्थापना के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई है। इनमें

अम्बेडकरनगर, भदोही, फर्रूखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजीपुर, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, अमरोहा, कौशाम्बी, लखीमपुर, हाथरस, महराजगंज, महोबा, मऊ, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, औरैया, बागपत, संतकबीरनगर और कासंगज जिले शामिल हैं।

कैबिनेट में यह फैसले भी लिए गए

बागपत सहकारी चीनी मिल की पेराई क्षमता बढाई गई।

2750 टीसीडी से 5000 टीसीडी तक विस्तार किया गया।

27 मेगावाट जनरेशन प्लांट की स्थापना का प्रस्ताव पास।

राष्ट्रीय मार्गों के लिए अम्ब्रेला स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट पास।

ओबरा तापीय इकाई परियोजना संख्या आठ के ब्वायलर के आंशिक काम नहीं होंगे।

ब्वायलर की आयु 35 साल की होती है। अब यह 36 साल का हो गया है।

पिछली सरकार इसे मरम्मत कराकर और आगे चलाना चाहती थी।

एनर्जी टास्क फोर्स ने कहा कि इसे बंद कर दिया जाए।

8वीं इकाई में आंशिक रिपेयर को बंद करने की मंजूरी।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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