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Cabinet Expansion: मंत्रिमंडल में फेरबदल का योगी फार्मूला हुआ हिट, अब केन्द्र ने भी अपनाया

CM योगी ने अपने मंत्रिमंडल विस्तार में 23 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई थी। इसमें कुछ नए विधायकों को स्थान दिया गया था।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Ashiki
Published on: 8 July 2021 3:08 PM IST
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ: केन्द्र सरकार ने जिस तरह अपने मंत्रिमंडल मे फेरबदल कर राजनीति के एक से एक दिग्गजों को बाहर का रास्ता दिखाने का काम किया है। इसमें कोई नई बात नहीं दिख रही है, क्योंकि इस फार्मूले को योगी सरकार ने दो साल पहले अपने प्रदेश में लागू किया था। जब ढाई साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले मंत्रिमंडल विस्तार में कुल 23 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई थी। इसमें कुछ तो पहले से ही मंत्रिमंडल में शामिल थे। जिनका प्रमोशन हुआ और कुछ नए विधायकों को मंत्रिमंडल मे स्थान दिया गया था।

21 अगस्त 2019 को हुए योगी मंत्रिमंडल के पहले विस्तार से पहले स्वतंत्रदेव सिंह समेत पांच मंत्रियों का इस्तीफा भी लिया गया था। जिनमें वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल तथा भूतत्व एवं खनिकर्म राज्यमंत्री अर्चना पांडेय शामिल थीं।


अब जहां तक योगी मंत्रिमडल की बात है तो पहले मंत्रिमंडल विस्तार में कुल 23 विधायकों को शपथ दिलाई गयी थी। इसमें कुछ तो पहले से ही मंत्रिमंडल में शामिल थे। भाजपा हाईकमान ने कुछ ऐसे विधायकों को भी मंत्री बनाकर सबको चौका दिया था जो पहली बार विधायक बने थे।

अगले विधानसभ चुनाव पर सबकी निगाहें

अब केन्द्र में भी उसी तरह से अपने मंत्रिमंडल को ताश के पत्तों की तरफ फेंट दिया। इस फेरबदल के बाद इस बात के संकेत भाजपा शासित राज्यों को मिल गए होगें कि काम में लापरवाही और ढीलापन नेतृत्व किसी भी हाल में स्वीकार नहीं होगा। यही कारण है कि अब सबकी निगाहें एक बार फिर उत्तर प्रदेश पर टिक गयी हैं जहां अगले साल विधानसभ चुनाव होने हैं।


यहां पर मंत्रिमंडल विस्तार का काम काफी दिनों से रुका हुआ है। हाल ही में भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने अपनी पूरी रिपोर्ट हाईकमान को सौपी है। इस रिपोर्ट में कई मंत्रियों के नाम सामने आए हैं, जिसमें उनके काम काज के तरीके पर सवाल उठाए गए हैं।

दरअसल भाजपा हाईकमान नहीं चाहता है कि यूपी विधानसभा चुनाव के पहले सरकार की छवि पर नकारात्मक असर पड़े। इसलिए समय से पहले इसमें सुधार किया जा सकता है। पिछले दिनों जिस तरह से दिल्ली से लेकर लखनऊ तक पार्टी पदाधिकारियों के दौरे हुए उससे साफ हो गया है कि जल्द ही अब यूपी में भी परिवर्तन होना है। व इस समय योगी मंत्रिमंडल में सात मंत्रियों के स्थान रिक्त हैं। साथ ही कुछ मंत्रियों के परफारमेंस और उनकी बढती उम्र को लेकर भी सवाल खडे हो रहे हैं।



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