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क्या मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को बचा पायेंगे आज़म ?

लखनऊ: सरकार धीरे-धीरे आज़म पर शिकंजा कसते जा रही है। राज्य सरकार अब जल्द ही आज़म खान से जौहर विश्वविद्यालय को मिले करोड़ों रुपए का हिसाब मांग सकती है। आज़म यदि करोड़ों रुपए का हिसाब नहीं दे पाए तो राज्य सरकार जौहर विश्वविद्यालय को अपने कब्जे में ले सकती है। राज्य सरकार ने इसके लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।

राम केवी
Published on: 1 Sept 2019 8:51 PM IST
क्या मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को बचा पायेंगे आज़म ?
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धनंजय सिंह

लखनऊ: सरकार धीरे-धीरे आज़म पर शिकंजा कसते जा रही है। राज्य सरकार अब जल्द ही आज़म खान से जौहर यूनिवर्सिटी को मिले करोड़ों रुपए का हिसाब मांग सकती है। आज़म यदि करोड़ों रुपए का हिसाब नहीं दे पाए तो राज्य सरकार जौहर विश्वविद्यालय को अपने कब्जे में ले सकती है। राज्य सरकार ने इसके लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।

आजम खान पर मुकदमों की संख्या आंकड़ा 76 पहुंच गया है। आज़म खान को जौहर यूनिवर्सिटी के हिसाब की नोटिस जल्द भेजने की तैयारी की जा रही है। अखिलेश सरकार ने आज़म खान के जौहर विश्वविद्यालय को लगभग 2300 करोड़ की वन टाइम के लिए दिया गया था। जिसका हिसाब आज़म खान ने राज्य सरकार को अभी तक नहीं दिया है।

आज़म खान हिसाब नहीं दे पाए तो राज्य सरकार जौहर यूनिवर्सिटी को अपने कब्जे में लेकर संचालित कर सकती है, इसको लेकर कार्यवाही तेज करने जा रही है। सपा सरकार में नंबर 2 की हैसियत रखने वाले आजम खान के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। आजम खान पर अब तक रामपुर में 76 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।

बताया जा रहा है कि बीते 2 से 3 महीनों में जो भी मुकदमे दर्ज हुए हैं, उनमें से ज्यदातर वो मामले महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी, किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जे करने का, भैंस चोरी करने का मुकदमा, पड़ोसी से रंगदारी मांगने का मुकदमा और अन्य कई मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिनकी पूरी संख्या 76 है।

कई मामले पूर्व वर्षों के हैं जिसमें इन्वेस्टिगेशन फीड हो चुकी है।

गिरफ्तारी की धाराएं भी शामिल

हाल फिलहाल में जो मुकदमे हैं उनकी तफ्तीश की जा रही है। इसमें कई धाराएं ऐसी हैं जिसमें गिरफ्तारी का प्रावधान है जिस पर तफ्तीश चल रही है. पुलिस के मुताबिक उन मामलों में कई पहलू हैं. सभी पहलू पर जांच की जा रही है और जानकारी जुटाई जा रही है. उन तथ्यों और साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बढ़ती जा रही मुश्किलें

बता दें समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। वहीं गुरुवार को उत्तर प्रदेश के रामपुर से सांसद आजम खान पर अब भैंस चोरी का आरोप लगा था। उनके खिलाफ रामपुर में एफआईआर दर्ज कराई गई है। यही नहीं सपा सांसद के खिलाफ दो लोगों ने एफआईआर दर्ज कराई है। इस मामले में आजम खान सहित 6 नामजद हैं। वहीं 20 से 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 504, 506, 427, 395, 448 और 492 के तहत केस दर्ज हुआ है।

2012 में मिला विश्वविद्यालय का दर्जा

मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी एक निजी विश्वविद्यालय है जो रामपुर में मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त 2006 में स्थापित किया गया था इसके चांसलर समाजवादी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान है। यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2012 में विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया था। इस पर 28 अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय आयोग द्वारा अल्पसंख्यक का दर्जा मई 2013 को दिया गया था।

जौहर ट्रस्ट की जमीन का पट्टा निरस्त

आजम खान के जौहर ट्रस्ट को लीज पर दी गई 7.135 हेक्टेयर(150 बीघा लगभग) जमीन के पट्टे को रद्द करने की कार्रवाई की गई है। पट्टा रद्द किए जाने की कार्रवाई एसडीएम सदर कोर्ट से की गई है। यह जमीन शासन द्वारा मोहम्मद जौहर अली ट्रस्ट के संयुक्त सचिव नसीर खान को 24 जून 2013 को गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट के तहत पट्टे पर दी गई थी।

मूल श्रेणी रेत में दर्ज हुई जमीन

यह पट्टा 30 साल के लिए हुआ था जबकि इस जमीन की मूल श्रेणी रेत में दर्ज थी। चूंकि रेत की जमीन का पट्टा नहीं होना चाहिए था फिर ऐसा कर दिया गया। इस संबंध में तहसीलदार द्वारा रिपोर्ट की गई।

अब उपजिलाधिकारी सदर ने इस जमीन की मूल श्रेणी यानी रेत में दर्ज करने के आदेश दे दिए। जिसके चलते यह पट्टा निरस्त कर दिया गया है और जमीन को मूल श्रेणी रेत में दर्ज करने के आदेश किए गए हैं।

लैंड यूज बदलना गैरकानूनी

दरअसल उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के दौरान साल 2013 में आजम खान ने उस जमीन का लैंड यूज बदलवा दिया। सरकारी अनुदान दी जाने वाली जमीन में शामिल करा दिया था। अब सरकार बदलने से जब आजम खान के खिलाफ तमाम तरह की जांच पड़ताल शुरु हुई तो राजस्व विभाग ने इसकी भी जांच कर इसके भू उपयोग के बदलने को गैर कानूनी बताया है।

राजस्व विभाग ने कहा है कि नदी के किनारे रेत की जमीन पट्टे पर देना गैर कानूनी है। इसलिए इसका पट्टा निरस्त किया जाता है। अब अगर आजम खान को फैसले के खिलाफ किसी बड़ी अदालत से राहत नहीं मिलती है तो उनको इस जमीन से हाथ धोना पड़ जाएगा।

काफी दिनों से चल रही है जांच

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के खिलाफ वक्फ और सरकार की संपत्तियों पर अतिक्रमण के आरोपों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार जांच काफी दिनों से करा रही है।

साल 2017 में तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक को भेजे पत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजम के खिलाफ आरोपों को लेकर संबद्ध विभाग उचित कार्रवाई कर रहे हैं।

उन्होंने पत्र में कहा, 'हमें पूर्व मंत्री आजम खान द्वारा वक्फ और सरकार की संपत्तियों पर अतिक्रमण तथा सरकारी धन के दुरूपयोग के आरोपों को लेकर आपका पत्र मिला है। संबद्ध विभाग इस सिलसिले में उचित कार्रवाई कर रहे हैं'।

फैसल खान लाला भी लगा चुके हैं आरोप

इससे पहले रामपुर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता फैसल खान लाला ने आजम पर आरोप लगाए हैं। लाला ने राज्यपाल को भेजे पत्र में 14 आरोप लगाए, जिनमें से एक आरोप ये भी है कि आजम ने रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी के नाम पर भूमि अतिक्रमण करने के मकसद से निर्दोष लोगों को अवैध रूप से विस्थापित कर दिया।



राम केवी

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