TRENDING TAGS :
संघ प्रमुख जमीनी हकीकत की ले रहे थाह, हर मुद्दे पर रखी है पैनी नजर
लखनऊ: संघ प्रमुख मोहन भागवत अपने पांच दिनी दौरे पर लखनऊ मे हैं। उनका मानना है कि सामाजिक परिवर्तन के बिना कोई भी व्यवस्था नहीं बदली जा सकती। चाहे वह राजनीतिक ही क्यों न हो। बताया जा रहा है कि इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए वह पहले चार दिनों तक आगरा में थे और अब राजधानी के निरालानगर स्थित सरस्वती कुंज में विभिन्न संगठनों के स्वयंसेवकों से मिल रहे हैं।
इसी सिलसिले में भागवत संघ के अनुसांगिक संगठनों विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भारतीय मजदूर संघ, ग्राहक पंचायत और बीजेपी के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय बैठक करेंगे। आगामी चुनावों को देखते हुए इसे अहम माना जा रहा है।
ये भी पढ़ें ...इंद्रेश ने मुलायम को बताया अपराधी, कहा- कुर्सी के लिए मुस्लिमों को भी मरवा सकते हैं
इस दौरे के मायने क्या ?
-मोहन भागवत के इस दौरे को यूपी चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है।
-संघ के प्रतिनिधियों के मुताबिक भागवत समन्वय बैठक में चुनावी मुद्दों पर अपनी बात रखेंगे।
-खासकर यूपी में सीएम पद के चेहरे को लेकर।
-इसके अलावा विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी चर्चा हो सकती है।
प्रत्याशी फाइनल करने में भी होगी भूमिका
-पहले कहा जा रहा था कि जुलाई में प्रत्याशियों की लिस्ट जारी हो जाएगी।
-पर अब तक यह सूची जारी नहीं हुई है।
-बीजेपी सूत्रों की मानें तो आए दिन पार्टी में अन्य दलों से ज्वाइन करने वाले नेताओं की संख्या बढ़ रही है।
-इसकी वजह से प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद कार्यकर्ताओं में असंतोष की संभावना।
-जो आगामी चुनाव में यह पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा।
ये भी पढ़ें ...पीएम मोदी ने कहा- कश्मीर में हिंसा फैलाने वालों को देना होगा मासूम बच्चों को जबाव
जमीनी हकीकत की ले रहे हैं थाह
-बैठक के बहाने भागवत कार्यकर्ताओं का मन टटोल रहे हैं।
-और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से जमीनी हकीकत की थाह भी ले रहे हैं।
सीएम पद के चेहरे को लेकर भी मनन चल रहा है।
-उसी चेहरे पर सबकी समन्वयता को लेकर संघ प्रमुख के बैठकों में मंथन।
ये भी पढ़ें ...श्री-श्री से मिले आतंकी बुरहान के पिता, कश्मीर की आजादी की लगाई रट
युवाओं को जोड़ने पर जोर
-संघ प्रमुख ने सामजिक समरसता, गोसंवर्धन, ग्राम्य विकास और सामाजिक सद्भभाव जैसे सामाजिक सरोकारों की प्रगति उनके प्रमुखों से जानी।
-इसके पहले के दिनों में प्रांत प्रचारकों के कामों की समीक्षा हुई। खासकर प्रचार विभाग का।
-संघ की शाखाओं के बढ़ाने पर जोर दिया।
-साथ ही इस पर भी जोर दिया कि शाखाओं में अधिक से अधिक युवा शामिल हों।
-बाढ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद के लिए स्वयंसेवकों को प्रेरित किया।