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मनी एक्सचेंज मामला: कानपुर में मिले 96 cr. मामले में अबतक की पूरी खबर

कानपुर में मनी एक्सचेज का बिजनेस बीते डेढ़ साल से चल रहा था l 8 नवम्बर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद से ब्लैक मनी को व्हाईट करने के लिए बड़े व्यापारियों ने एक जगह पर रूपया कलेक्ट कर एक्सचेंज करने का काम शुरू कर दिया था l

tiwarishalini
Published on: 18 Jan 2018 10:58 AM IST
मनी एक्सचेंज मामला: कानपुर में मिले 96 cr. मामले में अबतक की पूरी खबर
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कानपुर: कानपुर में मनी एक्सचेंज का बिजनेस बीते डेढ़ साल से चल रहा था। 8 नवम्बर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद से ब्लैक मनी को व्हाईट करने के लिए बड़े व्यापारियों ने एक जगह पर रूपया कलेक्ट कर एक्सचेंज करने का काम शुरू कर दिया।

पुरानी करेंसी के बदले में नई करेंसी 20 से 25 प्रतिशत में एक्सचेंज होती थी। एनआईए से मिले इनपुट के बाद आईजी ने टीम गठित कर एक साथ तीन होटलों में छापेमारी की। पकड़े गए लोगो की निशानदेही पर बिल्डर आनंद खत्री के आवास पर छापेमारी की गई। यहाँ बड़ी मात्रा में पुरानी करेंसी का जखीरा मिला। पुलिस ने 96 करोड़ रुपये बरामद किये और 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

इस घटना का खुलासा करते हुए आईजी अलोक सिंह ने बताया कि 6 माह से विभिन्न स्त्रोतों से हमें सूचना मिल रही थी कि एक गैंग का संचालन हो रहा है जिनके पास प्रतिबंधित करेंसी है। मंगलवार शाम को नगर के 3 होटलों से लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद स्वरुप नगर स्थित बिल्डर के घर से बड़ी मात्रा में पुरानी करेंसी बरामद हुई है।

आईजी आलोक सिंह ने बताया कि यह लोग जब पुराने नोटों को दूसरी जगह पर लेकर जाते थे उसमें एक महिला को आगे रखते थे। इस महिला का नाम राजेश्वरी है जो मूलतः आन्ध्र प्रदेश की रहने वाली है। महिला को उस समय हिरासत में लिया गया था जब होटल में रूपया गिन रही थी। सभी गिरफ्तार आरोपियों का मेडिकल भी करवाया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार मीणा ने बताया कि पूरे मामले में 16 लोगों की भूमिका थी जिन्हे गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। जिनके नाम इस प्रकार है: संतोष पाठक, संजय कुमार, संत कुमार यादव, ओंकार, अनिल यादव, रामाश्रय, संजय कुमार सिंह, धीरेन्द्र गुप्ता, संजीव अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, कुटेश्वर राव, अली हुसैन, आनन्द खत्री, संतोष कुमार यादव, मोहित ढींगरा, राजेश्वरी। राजेश्वरी और अली हुसैन आन्ध्र प्रदेश के हैं। कुटेश्वर राव तेलंगाना व संजीव अग्रवाल और मनीष अग्रवाल पश्चिम बंगाल के हैं। बाकी सभी शहर के अलावा उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जगहों के हैं।

उन्होंने बताया कि इस मामले से सम्बंधित अन्य जानकारियां जुटाई जा रही है यह कैसे मनी एक्सचेंज करते थे। लेकिन पूछतछ में पता चला है कि यह रुपया कानपुर से होते हुए बनारस और वहा से कोलकाता होते हुए हैदराबाद पहुंचता था। कानपुर में हैदराबाद का शख्स रुपया एक्सचेंज करके देता था।

उन्होंने बताया क़ि इनके साथ एक महिला भी साथ में रहती थी जिसका नाम राजेश्वरी था जिसका काम था कि यदि कोई मामला हो तो उसे आगे करके बचा जा सके।

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