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कांग्रेस का नया फार्मूला: विधानसभा में कम संख्याबल से ऐसे निपटेगी पार्टी
यूपी आज से शुरू हो रहे विधान मंडल के मानसून सत्र में कांग्रेस ने ब्राह्मण उत्पीड़न का मुद्दा जोरदारी से उठाना तो चाहती है लेकिन दोनों ही सदनों में उसके विधायकों की कम संख्या इसमे आड़े आ रही है।
लखनऊ: यूपी आज से शुरू हो रहे विधान मंडल के मानसून सत्र में कांग्रेस ने ब्राह्मण उत्पीड़न का मुद्दा जोरदारी से उठाना तो चाहती है लेकिन दोनों ही सदनों में उसके विधायकों की कम संख्या इसमे आड़े आ रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए यूपी में कांग्रेस का ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने एक नया फार्मूला निकाला है। जितिन प्रसाद ने यूपी के सभी विधायकों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र की ब्राह्मण उत्पीड़न की घटनाओं पर सरकार से जवाब मांगे।
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पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद ने प्रदेश के सभी दलों के विधायकों को पत्र लिखकर अनुरोध किया
पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद ने प्रदेश के सभी दलों के विधायकों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि दलगत भावना से ऊपर उठकर गुरुवार से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में अपने-अपने क्षेत्र की ब्राह्मण उत्पीड़न, अत्याचार और अन्याय की घटनाओं को सरकार के सामने उठाएं। यह भी कहा है कि पूरा समाज आपका आभारी रहेगा। दरअसल, कांग्रेस और जितिन प्रसाद जानते है कि मानसून सत्र में ब्राह्मण उत्पीड़न का मुद्दा अवश्य उठेगा लेकिन दोनो ही सदनों में कम संख्याबल के कारण कांग्रेस की आवाज नक्कारखाने में तूती की जैसी ही साबित होगी। इसीलिए उन्होंने पत्र भेजकर और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करवा कर यह पेशबंदी कर दी है। जिससे कि विधानसभा में ब्राह्मण उत्पीड़न का मुद्दा उठने पर कांग्रेस भी उसका श्रेय लेने में पीछे न रहे।
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बता दें कि जितिन प्रसाद लोकसभा चुनाव के बाद से ही यूपी में ब्राह्मणों को लामबंद करने का अभियान छेड़े हुए है। सामाजिक संस्था ब्रह्म चेतना परिषद के बैनर तले वह काफी समय से सोशल मीडिया पर ब्राह्मणों का मुद्दा गर्माए हुए हैं। जितिन लगातार अलग-अलग जिलों के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं। अभी हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भगवान परशुराम की जयंती पर होने वाले अवकाश को बहाल करने का अनुरोध किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा था कि भगवान परशुराम विष्णु भगवान के छठे अवतार हैं, जिस कारण वह ब्राह्मण समाज की आस्था का प्रतीक हैं। अब तक भगवान परशुराम की जयंती पर प्रति वर्ष राजकीय अवकाश होता रहा है परन्तु वर्तमान में आपकी सरकार ने इसे निरस्त कर दिया है, जिससे ब्राह्मण समाज में आक्रोश है।
मनीष श्रीवास्तव
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