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बजट पर जमकर झूमा PM मोदी का संसदीय क्षेत्र, व्यापारियों ने कहा- वेलडन
बजट को लेकर यहां के व्यापारी वर्ग और अर्थशास्त्री बेहद खुश दिखे। प्रसिद्ध इंडस्टलिस्ट आरे चौधरी कहते हैं कि ‘’ बहुत शानदार बजट है। इस बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। किसान, जवान, युवा, मजदूर हर किसी के लिए सरकार ने अपना पिटारा खोला है।
वाराणसी: नरेंद्र मोदी सरकार का अंतरिम बजट शुक्रवार को संसद में पेश हुए। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जब अपना पिटारा खोला तो उसमें हर किसी के लिए कुछ न कुछ था।
सरकार ने किसान से लेकर जवान तक हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की। किसानों को पेंशन का प्रावधान किया तो मध्यवर्ग को बड़ी राहत देते हुए इनकम टैक्स की सीमा बढ़ा दी। मोदी सरकार के अंतरिम बजट को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रिया आ रही है। बीजेपी सहित एनडीए ने जहां बजट को लेकर सरकार की पीठ थपथपाई वहीं विरोधी बजट की काट खोजते नजर आए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में लोगों ने बजट को खूब सराहा। लोगों ने बजट को लोकलुभावन सहित ऐतिहासिक बताया।
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बनारस में बजट को लेकर सुबह से लोगों में उत्सुकता थी। खासतौर से व्यापारी वर्ग और अर्थशास्त्री टीवी पर नजरें गढ़ाए बैठे थे। कई होटलों में बड़े-बड़े स्क्रीन पर बजट देखने की तैयारी की गई थी। बजट को लेकर यहां के व्यापारी वर्ग और अर्थशास्त्री बेहद खुश दिखे। प्रसिद्ध इंडस्टलिस्ट आरे चौधरी कहते हैं कि ‘’ बहुत शानदार बजट है। इस बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। किसान, जवान, युवा, मजदूर हर किसी के लिए सरकार ने अपना पिटारा खोला है।
खासतौर से जिस तरह से मध्यमवर्ग के लिए सरकार ने इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई है वो काबिल-ए-तारीफ है। हालांकि सरकार ने छोटे व्यापारियों और बुनकरों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया। फिर भी मैं मैं मोदी सरकार के इस बजट से खुश हूं। बजट के लिए मैं सरकार को दस में से 9 नंबर देना चाहूंगा।'
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क्या कहते हैं अर्थशास्त्री?
प्रमुख अर्थशास्त्री प्रोफेसर एनपी सिंह कहते हैं कि ‘सरकार ने हर वर्ग को टच करने की कोशिश की है। काफी संतोषजनक बजट है। चुनावी साल होने के बावजूद सरकार ने कोई बड़े-बड़े वादें नहीं किए। ये शुभ संकेत है। किसानों की कर्जमाफी करने के बजाय सरकार ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की है। मध्य वर्ग भी काफी दिनों से इनकम टैक्स में छूट की बात कर रहा था। सरकार ने एक बड़ी आबादी की मांग को ध्यान में रखते हुए उसे पूरा किया है।'
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बीएचयू के प्रोफेसर और अर्थशास्त्री जेबी कोमरैया कहते हैं कि पहले से ही अनुमान था कि ये बजट पूरी तरह से चुनावी होगा। बजट के जरिए सरकार ने चुनाव के लिए अपनी जमीन तैयार करने की कोशिश की है। सरकार ने किसानों के लिए पेंशन देने का ऐलान किया है। लेकिन बेहतर होता पहले कर्जमाफी करती इसके बाद पेंशन का प्रावधान किया जाता।