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Moradabad: 17 साल की उम्र में घर से भागा युवक, 52 साल की उम्र में लौटा वापस

Moradabad: 17 साल की उम्र में युवक ने अपनी मां से डांट खाकर गुस्से में घर छोड़कर चला गया था। वहीं, युवक आज बुजुर्ग होकर 52 साल की उम्र में अपने घर लौटा है।

Shahnawaz
Report Shahnawaz
Published on: 1 Jan 2023 10:07 PM IST
Moradabad News
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कुंदरकी।

Moradabad: मुरादाबाद के कुंदरकी क्षेत्र देवरिया गांव से बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। आपको बता दें कि एक युवक 17 साल की उम्र में अपनी मां से डांट खाकर गुस्से में घर छोड़कर चला गया था। घर छोड़ते वक़्त अपनी माँ से 5 रुपये लेकर घर छोड़ कर चला गया था। मां ने गुस्सा दो बार पांचवी कक्षा में फेल होने पर डांटा था, लेकिन मां को यह मालूम नहीं था कि यह घर वापस नहीं आएगा।

ये है मामला

लड़के जाने के बाद मां ने सभी जगह बेटे को तलाश किया लेकिन बीटा कही नहीं मिला जिसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से 52 साल बाद बुजुर्ग ने अपने परिजनों को पहचान लिया। किसी ने दिल्ली में इन पर ऐसे ही विजुअल बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। सोशल मीडिया का विजुअल किसी गांव के बच्चे ने अपने बुज़ुर्ग को दिखाया तो इन के दोस्त नन्हे ने इनको पहचान लिया। गांव में यह चर्चा का विषय बन गए तो इनका भतीजा और उसके दोस्त इनको ढूंढते दिल्ली पहुंच गए। दो दिन तक इनको तलाश गया तो दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर यह मिल गए। बच्चों ने इनकी खुशामद की तब यह घर आने को राजी हुए जिसके बाद 17 साल की उम्र में घर छोड़ा युवक बुजुर्ग होकर 52 साल की उम्र में अपने घर लौटा, जिसे देखकर गांव में बुजुर्ग का जोर शोर से स्वागत किया गया और लोगों में बुजुर्ग को देखकर बेहद खुशी का माहौल दिखा।

सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आया ये पूरा मामला

आपको बता दें यह पूरा मामला सोशल मीडिया से बातचीत के माध्यम से दोनों लोग आपस में मिले। बुजुर्ग ने बताया कि जब उसने अपने परिजन से बात की तो वह उन्हें नहीं पहचान पा रहे थे तब उन्होंने जो कपड़े घर से पहन कर गए थे उसकी पहचान बताई और अपनी कुछ पुरानी यादें बताएं और कहा कि मैं घर से आपसे 5 रुपये लेकर गया था जिसके बाद परिजनों को वह पुरानी बातें याद आई और सब लोग आपस में मिल गए। इस मौके पर कुंदरकी क्षेत्र के आसपास के लोग भी खुशी के माहौल में शामिल हो गए।

52 साल के लंबे अरसे में वो कहा कहा गए और यह 52 साल वो कहा रहे तो उन्होंने बताया कि मैं बिहार, बैंगलोर, दिल्ली, पटना और याद नहीं कहां कहां रहा। मैं अब वो सब भूलना चाहता हूं। मैं अपने परिवार मे आ गया हूं। अल्लाह का लाख लाख शुक्र है कि अल्लाह ने जीते जी मुझको अपने परिवार से मिलवाया मैं उसका शुक्र भी अदा नहीं कर सकता।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

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