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Moradabad News: चिल्ड्रेंस डे पर बच्चों की हुई बेइज्जती, झूलों पर से खदेड़े गए
Moradabad News: मेले में पार्क के अंदर अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पहुंचे माता-पिता एवं प्रिंसिपल स्वागत कर रहे टूटे झूलों को देखकर अवाक रह गए।
Moradabad News: मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने चिल्ड्रेन्स डे पर एक मुरादाबाद के स्थाई हर्बल पार्क में निशुल्क मेले का आयोजन किया था ये मेला पूरी तरह निशुल्क था। लेकिन जब दूर-दूर से लोग बच्चों को लेकर मेले में पहुंचे तो उन्हें उस समय मायूसी झेलनी पड़ी जब मेले में तमाम झूले टूटे पड़े मिले और जो झूले चल भी रहे थे उन झूलों पर बच्चों को चढ़ने से रोकते हुए तैनात कर्मचारियों ने मनमाने पैसों की वसूली शुरू कर दी। अभिभावकों द्वारा विरोध करने पर वह अभद्रता पर उतर आए। इस संबंध में प्राधिकरण के वीसी ने जांच कराने की बात कही है।
आपको बता दें मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा हर्बल पार्क के अंदर एक दिवसीय मेले का आयोजन किया गया था लेकिन इस मेले में बच्चों के साथ पहुंचे लोगों को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ा। मेले में पार्क के अंदर अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पहुंचे माता-पिता एवं प्रिंसिपल स्वागत कर रहे टूटे झूलों को देखकर अवाक रह गए। जो झुले चल रहे थे उन पर बच्चों को चढ़ने से तैनात कर्मचारियों ने रोक दिया गया। पूछने पर कर्मचारियों ने कहा निकाला गया होगा निशुल्क मेले का अखबार में विज्ञापन, लेकिन यहां पर इन झूलों के पैसे कौन देगा।
जबकि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण का दावा है कि इस पार्क में मेला पूरी तरह निशुल्क था। कर्मचारियों का यह व्यवहार प्राधिकरण को सीधे सीधे चुनौती दे रहा है। इससे पहले भी अनेकों बार हर्बल पार्क विवादों में रहा है। यहां के ठेकदार और उसके कर्मचारी आने वालों के साथ बदसलूकी करते रहते हैं तथा मन चाही धन उगाही करते रहे हैं।
हर्बल पार्क के अंदर लगे झूले
आपको अवगत करा दें कि उक्त पार्क पूर्णतया विकास प्राधिकरण के नियंत्रण में आता है तथा इसकी देखभाल भी प्राधिकरण के कर्मचारी करते हैं। इस हर्बल पार्क के अंदर लगे झूलों के अंदर पैसे की बात करते हुए कुछ लोग का वीडियो भी सामने आया आया है।
नए मुरादाबाद नगर में सपा सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट है हर्बल पार्क और इसके आस पास के सरकारी रिहायशी फ्लैट एमआईजी और एलआईजी बने हैं। इस पार्क पर उस क्षेत्र के जेई अपना एकाधिकार समझते हैं और लोगो को सहुलियत देने में भी भेदभाव करते हैं। इस हर्बल पार्क के मामले में कई बार विकास प्राधिकरण की किरकिरी हो चुकी है।
इस बारे में प्राधिकरण उपाध्यक्ष से संपर्क किया गया तो उन्होंने मामले के संज्ञान में न आने की बात कही तथा इस पर जांच कराने को भी कहा है।