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Moradabad: 'सपा की नीयत में खोट, वह बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस को मिटाने में लगी है'...आचार्य प्रमोद कृष्णम का बड़ा हमला
Moradabad News: आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा, 'मोदी जी के साथ आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और भाजपा जैसे मजबूत संगठन हैं। इनसे लड़ने के लिए विपक्ष को एक 'क्रेडिबल फेस' की जरूरत है।'
Moradabad News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा, सपा की नियत में खोट है। वह भाजपा से ज्यादा कांग्रेस को मिटाने में लगी है। प्रमोद कृष्णम शनिवार (27 जनवरी) को मुरादाबाद दौरे पर थे। यहां उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी बेहद मजबूत और ताकतवर प्रधानमंत्री हैं। मोदी अपने आप में ताकतवर चहेरा हैं।'
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा, मोदी जी के साथ आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और भाजपा जैसे मजबूत संगठन हैं। इनसे लड़ने के लिए विपक्ष को एक 'क्रेडिबल फेस' की जरूरत है। मुझे लगता है कि, मोदी के सामने 2024 में विपक्ष को एकजुट होकर एक क्रेडिबलचेहरा देना चाहिए। प्रधानमंत्री के विरुद्ध इस बार मजबूत और संयुक्त उम्मीदवार विपक्ष को उतारना चाहिए'।
'प्रियंका गांधी लोकप्रिय और भरोसेमंद भी'
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, 'जो लोकप्रिय हो, चर्चित हो और सभी को स्वीकार्य हो, ऐसा चेहरा प्रधानमंत्री मोदी के सामने पेश उतारा जाए। उन्होंने ये भी कहा, आज की तारीख में ऐसा कोई चेहरा है तो प्रियंका गांधी हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा लोकप्रिय, भरोसेमंद और चर्चित हैं। साथ ही, सभी को स्वीकार्य भी हैं।'
प्रमोद कृष्णम- इंडी गठबंधन पर खतरे के बादल
कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा, 'लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री मोदी की पुख्ता तैयारी है। वहीं, विपक्ष एक-दूजे को रूठने-मनाने में लगे हैं। प्रमोद कृष्णम ने कहा, इंडिया गठबंधन पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। जिस उद्देश्य को लेकर ये गठबंधन बना था, आज वह खतरे में है। इसकी सबसे बड़ी वजह गठबंधन के नेताओं के न तो दल मिल रहे हैं और न दिल।'
नीतीश कुमार की क्रेडिबिलिटी बची नहीं
वहीं, बिहार की राजनीतिक उठापटक पर टिप्पणी करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि, 'देश में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की क्रेडिबिलिटी नहीं बची है। उनकी साख अब संदेहास्पद है। बिहार में जो स्थिति बनी है उसके जिम्मेदार नीतीश कुमार हैं। उनके बार-बार पाला बदलने की वजह से ही बिहार में ये राजनीतिक संकट खड़ा हुआ। वो पहले लालू यादव का विरोध करके सत्ता में आए। इसके बाद लालू यादव से ही हाथ मिला लिया। फिर बीजेपी के साथ आए-गए।'