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Moradabad News : यूपी विधानसभा उपचुनाव में मुस्लिम चेहरे पर दांव लगा सकती है बीजेपी, इन नेताओं पर नजर
Moradabad News : लोकसभा चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव पर टिकी हुई हैं। लोकसभा चुनाव में कई विधायकों के सांसद बनने के बाद से वह सीटें रिक्त हो गई हैं, जिन पर उपचुनाव होना है।
Moradabad News : लोकसभा चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव पर टिकी हुई हैं। लोकसभा चुनाव में कई विधायकों के सांसद बनने के बाद से वह सीटें रिक्त हो गई हैं, जिन पर उपचुनाव होना है। ऐसे ही एक सीट मुरादाबाद की 29 विधानसभा सीट है। दरअसल, इस सीट से सपा विधायक रहे जियाउर्रहमान ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है। इसके बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है। अब इस सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर काफी चर्चा है। माना जा रहा है कि बीजेपी इस सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी को उतारकर नया प्रयोग कर सकती है।
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी नया सियासी प्रयोग कर सकती है। 2014 के बाद से मुस्लिम नेताओं को टिकट देने से बचती रही बीजेपी उपचुनाव में मुस्लिम चेहरे पर दांव खेल सकती है। मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी किसी मुस्लिम कद्दावर नेता को टिकट देने का मन बना सकती है।
इन नामों पर कर सकती है विचार
सू्त्रों के मुताबिक, बीजेपी इस सीट पर सियासी प्रयोग के तौर पर जफर इस्लाम, कुंवर बासित अली या किसी और बड़े चेहरे पर दांव खेल सकती है। जफर इस्लाम को भाजपा के बड़े चेहरे के तौर पर लड़ाया जा सकता है। वहीं, कुंवर बासित अली को उतारने से स्थानीय होने का फायदा मिल सकता है, ऐसे में पार्टी इस नाम पर भी विचार कर सकती है। मुख्तार अब्बास नकवी की बहन का घर भी इसी विधानसभा में आता है, ऐसे में पार्टी बड़े चेहरे के तौर पर उनके नाम पर भी विचार कर सकती है। बीजेपी ने इस सीट की जिम्मेदारी मंत्री धर्मपाल सिंह और जेपीएस राठौर को सौंपी है।
ये है समीकरण
बता दें कि 2014 के बाद से बीजेपी ने किसी भी मुस्लिम को विधानसभा या लोकसभा का टिकट नहीं दिया है। कुंदरकी विधानसभा सीट पर 65 फीसदी मुस्लिम और 35 फीसदी हिंदू वोटर हैं। यहां मुस्लिम समुदाय में सबसे बड़ा वोटबैंक तुर्कों का है। उसके बाद दूसरे नंबर पर मुस्लिम राजपूतों का है। मुस्लिम तुर्क करीब 70 हजार हैं तो मुस्लिम राजपूत 40 हजार। कुंदरकी विधानसभा सीट पर अब तक के इतिहास में बीजेपी सिर्फ एक बार साल 1993 में जीती है। उसके बाद से सपा और बसपा का ही कब्जा रहा है।